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Publisher | Rajpal Sons |
Publication Year | 2012 |
ISBN-13 | 9788174831040 |
ISBN-10 | 8174831045 |
Binding | Hardcover |
Number of Pages | 216 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 20 x 14 x 4 |
Weight (grms) | 519 |
यह 1857 के स्वातंत्र्य-संग्राम की मुख्य योद्धा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहस और वीरता की कहानी है। एक औरत होने के बावजूद, अपने छोटे से राज्य, झांसी को अंग्रेजों से बचाने के लिए रानी ऐसी वीरता और निडरता से लड़ी कि अंग्रेज भी उनकी बहादुरी के कायल हो गए। अपनी आखिरी सांस तक रानी लड़ती रही और चौबीस वर्षों की छोटी उम्र में अपने देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो गई। दिलो-दिमाग पर छा जाने वाली झांसी की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की यह रोमांचक ऐतिहासिक गाथा भारत के इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ है। रोचक और प्रेरणाप्रद।
Shanti Narayan
Rajpal Sons