Devdas Chhotray
ओडिय़ा आधुनिक कविता को अपनी स्वतन्त्रता से परिभाषित करने वाले देवदास छोटराय, कटक और दिल्ली, दोनों शहरों में रहते हैं। कविता से अलग एक कहानीकार के रूप में और कई ललित निबन्धों के लिए, विशेषकर 'कथा’ में प्रकाशित, अपने स्मृतिलेख, 'एक-एक दिन’ के लिए ये बहुचर्चित हैं। युवा पीढी के बीच इनकी विशेष सराहना है। 'मल्लिका’ की कविताएँ, कई दशकों से ओडिय़ा आधुनिक प्रेम कविताओं में किंवदन्ती बन गयी है। सिनेमा में चित्रनाट्य और संलाप रचना में अभिरुचि रखने वाले देवदास छोटराय व्यावसायिक ओडिय़ा सिनेमा में गीत रचने के लिए ओडि़शा राज्य सरकार के द्वारा कई बार सम्मानित हुए हैं। इनका चलचित्र 'इन्द्रधनू र छाइ’ (Shadows of the Rainbow) 1995 में 'कान ‘फिल्म फेस्टिवल’ (Cannes Film Festival) में प्रदर्शन के लिए निमन्त्रित हुआ था। इनके अन्य चलचित्र 'विश्वप्रकाश’ का चयन 'भारतीय पैनोरमा’ (Indian Panorama) के लिए सन् १९९९ में किया गया था। देवदास छोटराय ने कटक के Ravenshaw College और अमेरिका की Cornell University में शिक्षा प्राप्त की। इनके पाँच कविता-संग्रह तथा दो गल्प संकलन और दो दीर्घकथाएँ अब तक प्रकाशित हैं। हिन्दी में अनूदित इनकी कविताओं का एक संग्रह 'रेत की सीढ़ी’ और अँग्रेज़ी में पुन:सृजित 'मल्लिका’ कविताओं का एक स्तबक ‘Longing’प्रकाशित हो चुके हैं ।
Prabhat Tripathi
Devdas Chhotray
,Prabhat Tripathi
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