Mere Sach Sapnile

Author:

Susmita Basu

Publisher:

MANOHAR PUBLISHERS AND DISTRIBUTORS

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Publisher

MANOHAR PUBLISHERS AND DISTRIBUTORS

Publication Year 2018
ISBN-13

9788193779460

ISBN-10 9788193779460
Binding

Paperback

Edition FIRST
Number of Pages 112 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21x14x0.9
Weight (grms) 208
हम सबके हिस्से ऐसे भी सच होते है जो सपनीले होते है, रंग-बिरंगे, झिलमिलाते ऐसे सच की आवाजाही शब्दो और भावो में होती रहती है, सजग,सरल-तरल मन उनके बीच सहज तैरता उतराता है तब इसका हासिल कब शब्द, भाव में बदल जाए और कब भाव शब्दो मे, यह ठीक-ठीक न कर्ता को पता लगता, न ही द्रष्टा इसे समझ पाता और यही नासमझी वह महसूसियत बनती है जो सच को सपनीले रंगती है प्राचीन इतिहास की टोही सुष्मिता, शोध-अध्येता के रूप मे काल की परतो मैं दबे इतिहास मे झाकते हुए भुत के अंधे-गहरे कुएं मे थाह लगाने के पहले से उतरने को उघत रहती है और वह भी बिना कमंद के सुष्मिता की कविताएं, सहितियक्ता के दबाव से मुक्त, किसी कवि नहीं बल्कि एक ऐसे आम व्यक्ति की अंतयात्रा और महसूसियत की लेखी है जिसने एक धारा को भी समानांतर अपना रखा है

Susmita Basu

Susmita Basu Majumdar, Professor, Department of Ancient Indian History and Culture, University of Calcutta, specializes in early Indian epigraphy and numismatics. Her research interests also include history of medicine and surgery and history of early Indian religion, especially Ajivikism and Saivism.
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