Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2016 |
ISBN-13 |
9788126728411 |
ISBN-10 |
9788126728411 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
164 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
260 |
किस दुनिया के सपने देखे, किस दुनिया तक पहुंचे...' इन बढ़ते, घुटन-भरे अंधेरों के बीच रोशनी की कहीं कोई गुंजाइश बची है क्या ? इसी सवाल से जूझते हमारे तीनों नायक-सुकेत, रघु और शम्स-कहाँ पहुंचे... "तीनों? करुणा क्यों नहीं याद आती तुम्हें? औरत है | इसलिए?" नकोहस तुम्हारी जानकारी में हो या न हो, तुम्हारे पर्यावरण में है... टीवी ऑफ़ क्यों नहीं हो रहा ? सोफे पर अधलेटे से पड़े सुकेत ने सीधे बैठ कर हाथ में पकडे रिमोट को टीवी की ऐन सीध में कर जोर से ऑफ़ बटन दबाया...बेकार...वह उठा, टीवी के करीब पहुँच पावर स्विच ऑफ किया... हर दीवार जैसे भीमकाय टीवी स्क्रीन में बदल गई है, कह रही है : "वह एक टीवी बंद कर भी दोगे, प्यारे...तो क्या...हम तो हैं न..." टीवी भी चल रहा है... और दीवारों पर रंगों के थक्के भी लगातार नाच रहे हैं...सुकेत फिर से टीवी के सामने के सोफे पर वैसा ही...बेजान... टीवी वालों को फोन करना होगा | कम्प्लेंट कैसे समझाऊंगा? लोगों के सेट चल कर नहीं देते, यह सेट साला टल कर नहीं दे रहा..
Purushottam Agarwal
पुरुषोत्तम अग्रवाल की पुस्तक 'अकथ कहानी प्रेम की: कबीर की कविता और उनका समय' भक्ति-सम्बन्धी विमर्श में अनिवार्य ग्रन्थ का दर्जा हासिल कर चुकी है ! उनकी पिछले कुछ वर्षों में प्रकाशित कहानियाँ जीवंत और विचारोत्तेजक चर्चा के केंद्र में रही हैं, जिनमे शामिल हैं, 'चेंग-चुई', 'चौराहे पर पुतला', 'पैरघंटी', 'पान पत्ते की गोठ' और 'उदासी का कोना' ! 'नकोहस' उनका पहला उपन्यास है !.
Purushottam Agarwal
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd