Nagarjuna Aur Unki Kavita

Author:

Nandkishore Naval

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs283 Rs350 19% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2016
ISBN-13

9788126729364

ISBN-10 9788126729364
Binding

Hardcover

Number of Pages 106 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 280
Five thousand years ago, there came to earth a magical being called Krishna, who brought about innumerable miracles for the good of mankind. Humanity despaired of its fate if the Blue God were to die but was reassured that he would return in a fresh avatar when needed in the eventual Dark Age - the Kaliyug.

Nandkishore Naval

जन्म: 2 सितंबर, 1937 (चाँदपुरा, वैशाली, बिहार)। शिक्षा: एम.ए., पी-एच.डी.(पटना विश्वविद्यालय)। वृत्ति: पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्राध्यापक। अब अवकाशप्राप्त। फिलहाल स्वतंत्र लेखन और संपादन। मौलिक मुख्य कृतियाँ: हिंदी आलोचना का विकास, मुक्तिबोध: ज्ञान और संवेदना, निराला: कृति से साक्षात्कार, उत्तर-छायावाद और रामगोपाल शर्मा ‘रुद्र’, मैथिलीशरण, तुलसीदास, आधुनिक हिंदी कविता का इतिहास, सूरदास, समकालीन काव्य-यात्रा, मुक्तिबोध की कविताएँ: बिंब-प्रतिबिंब, पुनर्मूल्यांकन, कविता: पहचान का संकट, निकष, दिनकर: अर्धनारीश्वर कवि, रीति काव्य, निराला-काव्य की छवियां, कविता के आर-पार। मुख्य संपादित कृतियाँ: निराला रचनावली (आठ खंड), दिनकर रचनावली (पाँच काव्य-खंड), स्वतंत्रता पुकारती, हिंदी साहित्यशास्त्र, मैथिलीशरण संचयिता, नामवर संचयिता, संधि-वेला, पदचिद्द, हिंदी साहित्य: बीसवीं शती, हिंदी की कालजयी कहानियाँ। मुख्य संपादित पत्रिकाएँ: ‘आलोचना’ (सह-संपादक के रूप में), कसौटी। वर्तमान पता: 301, राजप्रिया अपार्टमेंट, बुद्धा कॉलोनी, पटना-800 001.
No Review Found
More from Author