Nav Unmesh Pathmala - Praveshika

Author:

Dr Vinod singh Chauhan

Publisher:

NEW SARASWATI HOUSE INDIA PVT LTD

Rs295

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Publisher

NEW SARASWATI HOUSE INDIA PVT LTD

Publication Year 2024
ISBN-13

9789355575999

ISBN-10 9355575998
Binding

Paperback

Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 29 X 19 X 1.5
संशोधित एवं संवर्धित ‘ नव उन्मेष’ हिंदी पाठ्यपुस्तक शृंखला ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा’ बुनियादी स्तर 2022, निपुण भारत मिशन एवं एन.सी.एफ.-स्कूली शिक्षा स्तर 2023 (एन.सी.एफ.एफ.एस व एन.सी.एफ.एस.ई.)’ के आलोक में नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित है इस पुस्तकमाला में पठन-पाठन की प्रक्रिया को उत्साहवर्धक, रुचिकर एवं सार्थक बनाने के लिए बच्चों के कोमल मन, आयु, रूचि एवं बोध स्तर को ध्यान में रखकर पाठों का चयन किया गया है शृंखला का एकमात्र उद्देश्य भाषा शिक्षण-अधिगम के चारों स्तम्भों जैसे बच्चे की मौखिक भाषा का विकास , शब्द पहचान, उसक पढ़ने, लिखने के कौशलों का समुचित विकास करना है साथ ही इन कौशलों में बच्चों की कक्षा अनुरूपीय दक्षताओं को अर्जित करने में सहायक की भूमिका निभाना है. इस पाठ्यपुस्तक में चित्रकथा, कविता, गीत, कहानी, संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, एकांकी, यात्रा-वर्णन, निबंध, नाटक, पत्र, विज्ञान कथा एवं साक्षात्कार आदि जैसी विविध विधाओं को मोती की तरह पिरोया गया है नवीनतम गतिविधियों एवं शिक्षण युक्तियों की सहायता से निर्मित सुंदर बहुरंगी चित्रों के माध्यम से विषयवस्तु को मनमोहक एवं सहजता से बोधगम्य बनाकर प्रस्तुत करती इस शृंखला की विशेषता है कि इसके निर्माण में देशभर के प्रबुद्ध शिक्षकों ने अपने स्तर पर पुनरीक्षक बनकर पुस्तक को एक संवर्धित स्वरूप प्रदान करने में सहायता प्रदान की है इस पाठ्यपुस्तक शृंखला की सहायता से विद्यार्थी बहुत सरलता से हिंदी भाषा सीख व जान सकेंगे तथा पाठ की विषयवस्तु के साथ अपने अनुभवों का तारतम्य आसानी से बिठा सकेंगे ये पाठ्यपुस्तकें छात्रों की भाषा संबंधी समझ को अधिक रुचिकर ढंग से समृद्ध ही नहीं करेगी अपितु नवाचारी एवं आनंददायी अधिगम की सहायता से उनके अंतःनिहित बहुप्रतिभाओं के चहुमुखी विकास में भी सहायता करेगी .स्वभावतः छात्रों में विविध ढंग से समझने व लिखने की जिज्ञासाएँ एवं उत्सुक्ताएँ होती हैं वे अपने आस-पास के परिवेश को बड़ी कौतूहलपूर्ण दृष्टि से देखते हैं और उसे जानने के लिए सहज ही प्रेरित भी होते हैं , यही प्रेरणा उनकी प्रगति को सुनिश्चित करता है . बच्चे अपने परिवेश के साथ सरलता से जुड़ सकें यही इस शृंखला और हमारा उद्देश्य है .

Dr Vinod singh Chauhan

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