Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2016 |
ISBN-13 |
9788126729098 |
ISBN-10 |
9788126729098 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
432 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
440 |
यह किताब उनकी रचनाओं का समग्र है, अभी तक उपलब्ध उनकी तमाम गज़लों, नज़्मों और गीतों को इसमें इकट्ठा करने की कोशिश की गई है। उम्मीद है दर्द-पसन्द पाठकों को इसमें अपना वह खोया घर मिल जाएगा जो इधर की चमक-दमक में खो गया है एक ऐसे परिवार में पैदा होकर, जिसका शायरी और अदब से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था, और एक ऐसे पिता का पुत्र होकर जिसके साथ उनके सम्बन्ध कभी पिता-पुत्र जैसे नहीं रहे और एक ऐसे समाज में जीकर जिसका सस्तापन, नाइंसाफी और संकीर्णताएँ उनकी उदास आँखों से बचकर निकल नहीं पाती थीं, उन्होंने वह कमाया जिसे भले ही उस वक्त के आलोचकों ने बहुत मान नहीं दिया, लेकिन जो आम आदमी की यादों में हमेशा के लिए पैठ गया। फिल्मों में आने से पहले ही वे अपने समय के सबसे लोकप्रिय और चहेते शायरों में शुमार हो चुके थे।
Sahir Ludhianvi
Aasha Prabhat
Sahir Ludhianvi
,Aasha Prabhat
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd