Purv Madhyakalin Bharat Ka Samanti Samaj Aur Sanskriti

Author:

Ramsharan Sharma

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs716 Rs895 20% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2009
ISBN-13

9788171785605

ISBN-10 9788171785605
Binding

Hardcover

Number of Pages 263 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 458
Book discription is not available

Ramsharan Sharma

यह पुस्तक आर्य एवं हड़प्पा सभ्यता का एक गहन अध्ययन है। इसमें प्रो. शर्मा ने आर्यों के मूल स्थान की खोज की कोशिश के साथ-साथ ज्यादा जोर इन सभ्यताओं के सांस्कृतिक पहलू पर दिया है। लेखक ने अपने अध्ययन के दौरान इस पुस्तक में आर्य एवं हड़प्पा संस्कृतियों की भिन्नता को दर्शाया है। लेखक का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता नगरी है लेकिन वैदिक सभ्यता में नगर का कोई चिह्न नहीं है। कांस्य युग का हड़प्पा सभ्यता में प्रमाण मिलता है। हड़प्पा में लेखन-कला प्रचलित थी लेकिन वैदिक युग में लेखन-कला का कोई प्रमाण नहीं है। अपनी सूक्ष्म विश्लेषण-दृष्टि और अकाट्य तर्कशक्ति के कारण यह कृति भी लेखक की पूर्व-प्रकाशित अन्य कृतियों की तरह पठनीय और संग्रहणीय होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
No Review Found
More from Author