Based on the social life of people of Mewat, India.
Bhagwandas Morwal
जन्म: 23 जनवरी, 1960 नगीना, जिला-मेवात (हरियाणा)। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी) एवं पत्रकारिता में डिप्लोमा। प्रकाशित कृतियाँ: काला पहाड़ (1999), बाबल तेरा देस में (2004), रेत (2008) उर्दू में अनुवाद, नरक मसीहा (2014) मराठी में अनुवाद, हलाला (2015) उर्दू व अंग्रेजी में अनुवाद, सुर बंजारन (2017), वंचना (2019) तथा शकुंतिका (2020) (उपन्यास); सिला हुआ आदमी (1986), सूर्यास्त से पहले (1990), अस्सी मॉडल उर्फ़ सूबेदार (1994), सीढ़ियाँ, माँ और उसका देवता (2008), लक्ष्मण-रेखा (2010), दस प्रतिनिधि कहानियाँ (2014) (कहानी-संग्रह); पकी जेठ का गुलमोहर (2016) (स्मृति-कथा); लेखक का मन (2017) (वैचारिकी); दोपहरी चुप है (1990) (कविता); बच्चों के लिए कलयुगी पंचायत (1997) एवं अन्य दो पुस्तकों का सम्पादन। सम्मान: वनमाली कथा सम्मान (2019), भोपाल; स्पंदन पुरस्कार (2017), भोपाल; श्रवण सहाय एवार्ड (2012); जनकवि मेहरसिंह सम्मान (2010), हरियाणा साहित्य अकादमी; अन्तरराष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान (2009), लन्दन; शब्द साधक ज्यूरी सम्मान (2009); कथाक्रम सम्मान (2006), लखनऊ; साहित्यकार सम्मान (2004), हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार; साहित्यिक कृति सम्मान (1994), हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार; साहित्यिक कृति सम्मान (1999), हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार; पूर्व राष्ट्रपति श्री आर. वेंकटरमण द्वारा मद्रास का राजाजी सम्मान (1995); डॉ. अम्बेडकर सम्मान (1985), भारतीय दलित साहित्य अकादमी; पत्रकारिता के लिए प्रभादत्त मेमोरियल एवार्ड(1985) तथा शोभना एवार्ड (1984)। जनवरी 2008 में ट्यूरिन (इटली) में आयोजित भारतीय लेखक सम्मेलन में शिरकत। पूर्व सदस्य, हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार एवं हरियाणा साहित्य अकादमी।
Bhagwandas Morwal
RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD