Safar Ek Dongi Mein Dagmag

Author:

Rakesh Tiwari

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs180 Rs200 10% OFF

Availability: Available

    

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2014
ISBN-13

9788126726912

ISBN-10 9788126726912
Binding

Paperback

Number of Pages 204 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 272
सफ़र एक डोंगी में डगमग' यात्रा-वृत्तान्त के तौर पर जितनी रोमांचक है उतना ही मजबूत इसका ऐतिहासिक और भौतोलिक पक्ष भी है ! डगमग डोंगी के साथ चलते हुए लेखक घाट-घाट के ऐतिहासिक महत्त्व के पर्दों को हमारे सामने इस तरह खोलता जाता है, जैसे कोई पुरातत्वविद खुदाई कर इतिहास को हमारे सामने ला खड़ा कर देता है ! यह पुस्तक उत्तर-पूर्वी भारत की बदलती भौगोलिक संरचना, संस्कृति और बोलियों को समझने में एक विशिष्ट दस्तावेज की तरह भी काम करती है ! दिल्ली की 'ओखला हेड' जैसी छोटी नाहर से यात्रा शुरू कर जल्द ही यमुना में हिलोरें भारती डोंगी मथुरा, आगरा, इलाहबाद, बनारस, कानपुर और पटना होती हुई अंततः कलकत्ता की हुगली नदी में जाकर रूकती है ! लेखक को यह यात्रा पुरी करने में जहाँ बासठ दिन लगते हैं, वहीँ किताब लिखने में तीस साल ! लेखक के साथ डोंगी भी अपना इतिहास लिखती हुई चलती है ! इसमें नदियाँ जीते-जागते किरदारों की तरह हैं, इसमें नदियाँ जीते-जागते किरदारों की तरह है, जो कूद-कूद कर पन्तिबद्ध आते हैं, अठखेलियाँ करती हैं और अपना नाम दर्ज कराती खो जाती हैं ! 'सफ़र एक डोंगी में डगमग' रोमांच, बेचैनी, उकताहट, संघर्ष, जिजीविषा, दोस्ती और ढेरों किस्सों में बंधी किताब है जो आखिरी पन्नो तक पाठकों को बांधे रहती है !

Rakesh Tiwari

राकेश तिवारी, रॉकी का जन्म 2 अक्टूबर, 1953 को सीतापुर जिले के बिसवाँ गाँव में हुआ। वैसे ये मूल निवासी उत्तर-प्रदेश के बस्ती जिला के हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विषय में स्नातकोत्तर के बाद मिर्जापुर के चित्रित शैलाश्रयों पर अवध विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की। लगभग चार दशक तक देश के विभिन्न भागों में पुरातात्त्विक सर्वेक्षण एवं उत्खनन तथा गंगा-घाटी को दक्षिण भारत से जोडऩेवाले प्राचीन ‘दक्षिणा-पथ’ की यात्रा एवं गहन अध्ययन का अनुभव। तद्विषयक दो सौ से अधिक शोध-पत्र, रिपोर्ट आदि प्रकाशित। महानिदेशक भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के पद से सेवानिवृत्त। घूमने और लिखने में सहज रुचि। कई देशों की यात्राएँ। प्रकाशन: लखनऊ से काठमांडू तक साइकिल से नेपाल की यात्रा पर आधारित यात्रा वृत्तांत ‘पहियों के इर्द-गिर्द’; दिल्ली से कलकत्ता तक की नौका-यात्रा पर आधारित यात्रा-वृत्तांत ‘सफर एक डोंगी में डगमग’; उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भू-भाग के सर्वेक्षण एवं सैर पर आधारित संस्मरण ‘पवन ऐसा डोलै’ तथा समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं में लेखन
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