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Publisher | Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year | 2022 |
ISBN-13 | 9789395737005 |
ISBN-10 | 939573700X |
Binding | Paperback |
Edition | 3rd |
Number of Pages | 128 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22X14.5X1 |
Weight (grms) | 136 |
पंकज बिष्ट अपनी पीढ़ी के सम्भवतः अकेले ऐसे लेखक हैं जिनकी रचनाओं में हमारे समकालीन समाज के बदलते नैतिक, बौद्धिक और सामाजिक मूल्यों की पड़ताल की कोशिश इतने बड़े पैमाने पर नज़र आती है। उनकी रचनाओं का सरोकार मुख्यतः नैतिक पक्षधरता है जो आधुनिकता और परम्परा के टकरावों और परिणामों की पृष्ठभूमि में आकार लेती है। वह मानव सम्बन्धों को किस संवेदनशीलता, समझ और सहृदयता से अभिव्यक्त करते हैं, उनकी रचनाएँ इसका प्रमाण हैं। ये रचनाएँ व्यक्ति और समाज के आपसी सम्बन्धों की टकराहट और उससे उपजी जटिलताओं की कई अन्तरधाराओं को अनजाने ही पूरी संश्लिष्टता में अभिव्यक्त करती चलती हैं। यह छोटा-सा उपन्यास ‘पंखवाली नाव’ उसी परम्परा की अगली कड़ी है। इसमें यौनिकता से सम्बन्धित नैतिकता-अनैतिकता के कई सवालों से पाठक रूबरू होते हैं। यौन सम्बन्धों के दबावों और उनके भटकावों जैसे नाजुक और संवेदनशील विषय को लेकर लिखी गई यह रचना मूलतः मानवीय प्रकृति की पड़ताल करने के साथ ही साथ विषय की नवीनता, लेखकीय अन्तर्दृष्टि, वस्तुनिष्ठता और मार्मिकता के लिए विशिष्ट कही जा सकती है।
Pankaj Bisht
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd