Sanjeev Kumar
जन्म : 10 नवम्बर, 1967 (पटना)।
शिक्षा : पटना विश्वविदयालय से बी.ए. और दिल्ली विश्वविदयालय से एम.ए., एम.फ़िल्., पीएच.डी.। फ़िलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में एसोशिएट प्रोफ़ेसर।
किताबें : ‘जैनेन्द्र और अज्ञेय : सृजन का सैद्धान्तिक नेपथ्य’ (2011 के ‘देवीशंकर अवस्थी सम्मान’ से सम्मानित), ‘तीन सौ रामायणें और अन्य निबन्ध’ (सम्पादित), ‘बालाबोधिनी’ (वसुधा डालमिया के साथ सह-सम्पादन), योगेन्द्र दत्त के साथ मिलकर वसुधा डालमिया की पुस्तक ‘नेशनलाइजेशन ऑफ़ हिन्दू ट्रेडिशन : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र एंड नाइनटीन्थ सेंचुरी बनारस’ का हिन्दी में ‘हिन्दू परम्पराओं का राष्ट्रीयकरण : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और उन्नीसवीं सदी का बनारस’ शीर्षक से अनुवाद, तेलंगाना संग्राम पर केन्द्रित पी. सुन्दरैया की किताब के संक्षिप्त संस्करण का हिन्दी में अनुवाद ‘तेलंगाना का हथियारबंद जनसंघर्ष’।
आलोचना के अलावा गाहे-बगाहे व्यंग्य, कहानी, निबन्ध, संस्मरण जैसी विधाओं में लेखन। 2009 से ‘जनवादी लेखक संघ’ की पत्रिका ‘नया पथ’ के सम्पादन से जुड़ाव और 2018 से ‘राजकमल प्रकाशन’ की पत्रिका ‘आलोचना’ के सम्पादन की शुरुआत।
Sanjeev Kumar
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd