Publisher |
RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD |
Publication Year |
2007 |
ISBN-13 |
9788183611336 |
ISBN-10 |
9788183611336 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
130 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21 X 14 X 2.5 |
Weight (grms) |
275 |
महिला कथाकारों में जितनी ख्याति और लोकप्रियता शिवानी ने प्राप्त की है, वह एक उदहारण है श्रेष्ठ लेखन के लोकप्रिय होने का ! शिवानी लोकप्रियता के शिखर को छू लेनेवाली ऐसी हस्ती हैं, जिनकी लेखनी से उपजी कहानियां कलात्मक भी होती हैं और मर्मस्पर्शी भी ! अन्तेर्मन की गहरी परतें उघाड़ने वाली ये मार्मिक कहानियां शिवानी की अपनी मौलिक पहचान है जिसके कारन उनका अपना एक व्यापक पाठक वर्ग तैयार हुआ ! इनकी कहानियां न केवल श्रेष्ठ साहित्यिक उपलब्धियां हैं, बल्कि रोचक भी इतनी हैं कि आप एक बार शुरू करके पूरी पढ़े बिना छोड़ ही नहीं पाते ! प्रस्तुत संग्रह में तोप, मधुयामिनी, प्रतिशोध, मरण सागर पारे, गजदंत, मित्र, दादी, भीलनी, चलोगी चन्द्रिका? एवं गन्धारी कहानियां संकलित हैं ! हर कथा अपनी मोहक शैली में अभिभूत कर देने की अपार क्षमता रखती है ! कलात्मक कौशल के साथ रची गई ये कहानियां हमारी धरोहर हैं जिन्हें आज की नयी पीढ़ी अवश्य पढना चाहेगी !
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