Sara Roy
शिक्षा: इतिहास में और फिर अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.। साहित्यिक कार्य: पहला कहानी-संग्रह ‘अबाबील की उड़ान’ 1997 में प्रकाशित। हिंदी और अंग्रेज़ी में कहानियाँ, लेख, रिव्यू और अनुवाद अनेक पत्रिकाओं में। ‘पेंग्विन’ से प्रकशित ‘दि गोल्डेन वेस्ट चेन’ पुस्तक का सम्पादन और अनुवाद। ‘कथा’ से ‘इमेजिंग दि अदर’ और ‘हिंदी हैंडपिक्ड फिक्शन’ का सम्पादन और अनुवाद। नेशनल बुक ट्रस्ट और स्कौलैस्टिक के लिए अनुवाद। कहानियाँ उर्दू और अंग्रेज़ी में भी प्रकाशित। सम्मान: दो बार अनुवाद के लिए ‘कथा’ पुरस्कार। तीन भाषाओं में सहज रूप से काम करने के लिए ‘ए.के. रामनुजन’ पुरस्कार। 2003 में यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट ऐंग्लिया, यू.के. में चार्ल्स वॉलेस फैलोशिप। 2003 में ही ‘जापान-इंडिया राइटर्स कैरावान’ के अंतर्गत टोक्यो और यामागाता में हुई गोष्ठी में सहभागिता। सम्प्रति: मुंशी प्रेमचन्द मेमोरियल स्कूल का संचालन और देख-रेख।
Sara Roy
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