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Publisher | Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year | 2021 |
ISBN-13 | 9789390971992 |
ISBN-10 | 9390971993 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 168 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 20 X 13 X 1 |
पुस्तक क्यों खरीदें ‘अनसोशल नेटवर्क’ किताब सोशल मीडिया को समझने की कोशिश करती है, खासकर भारतीय संदर्भों में। यह किताब सोशल मीडिया के सभी पहलुओं, उसके सकारात्मक प्रभावों के अलावा उसके खतरों से भी सरल भाषा में रू-ब-रू कराती है। सोशल मीडिया से जुड़े क्या, क्यों, कैसे जैसे सवालों के जवाब पेश करती और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनने की तरकीबें बताती एक उपयोगी किताब। किताब के बारे में ‘अनसोशल नेटवर्क’ किताब भारत के विशिष्ट सन्दर्भों में सोशल मीडिया का सम्यक् आकलन प्रस्तुत करती है। जनसंचार का नया माध्यम होने के बावजूद, सोशल मीडिया ने इस क्षेत्र के अन्य माध्यमों को पहुँच और प्रभाव के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है और यह दुनिया को अप्रत्याशित ढंग से बदल रहा है। इसने जितनी सम्भावनाएँ दिखाई हैं, उससे कहीं अधिक आशंकाओं को जन्म दिया है। वास्तव में राजनीति और लोकतंत्र से लेकर पारिवारिक और व्यक्तिगत सम्बन्धों तथा उत्पादों और सेवाओं की खरीद-बिक्री तक शायद ही कोई क्षेत्र होगा, जो सोशल मीडिया के असर से अछूता हो। यह एक ओर जनसंचार के क्षेत्र को अधिक लोकतांत्रिक बनानेवाला नजर आया तो दूसरी ओर इस क्षेत्र को प्रभुत्वशाली शक्तियों के हित में नियंत्रित करने का साधन भी बना है। ऐसे ही अनेक पहलुओं का विश्लेषण करते हुए यह किताब सोशल मीडिया की बनावट के उन अहम बिन्दुओं की शिनाख्त करती है जो इसे ‘अनसोशल’ बनाती हैं। यह किताब सोशल मीडिया के अध्येताओं के साथ-साथ इसके यूजरों के लिए भी खासी उपयोगी है।
Dilip Mandal
,Geeta Yadav
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd