Ibne Insha
जन्म: सन् 1927 का कोई महीना। जन्म-स्थान: लुधियाना (पंजाब)। प्रारम्भिक शिक्षा लुधियाना में ही। बाद में पाकिस्तान बनने के बाद ‘पाकिस्तानी’ बनना पड़ा। 1949 में करांची आ बसे, वहीं उर्दू कॉलेज से बी.ए. किया। माँ-बाप का दिया नाम शेर मोहम्मद खाँ, लेकिन कमसिनी में ही स्वयं को इब्ने इंशा कहना और लिखना शुरू कर दिया और अन्तत: यही नाम असली हुआ। उर्दू के प्रख्यात कवि और व्यंग्यकार। लहजे में मीर की खस्तगी और नज़ीर की फकीरी। आजीवन दुनिया-भर में घूमते रहे। समाज के सुख-दु:ख से गहरा रिश्ता रखते हुए मनुष्य की स्वाधीनता और स्वाभिमान के प्रबल पक्षधर रचनाकार। हिन्दी भाषा के अच्छे जानकार थे। उर्दू-रचनाओं में हिन्दी में खूबसूरत प्रयोगों की भरमार है। हिन्दी-ज्ञान के बल पर ही शुरू में ऑल इंडिया रेडियो पर काम किया। बाद में कौमी किताब घर के निदेशक, इंग्लैंड स्थित पाकिस्तानी दूतावास में सांस्कृतिक मंत्री और फिर पाकिस्तान में यूनेस्को के प्रतिनिधि रहे। प्रमुख पुस्तकें: उर्दू की आख़िरी किताब (व्यंग्य-संग्रह); चाँदनगर, इस बस्ती के इस कूचे में (कविता-संग्रह); बिल्लू का बस्ता, यह बच्चा किसका बच्चा है (बाल-कविताएँ)। निधन: 11 जनवरी, 1978 को लंदन में कैंसर से मृत्यु।.
Ibne Insha
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