Vandana Tete
जन्म: 13 सितम्बर, 1969। सामाजिक कार्य (महिला एवं बाल विकास) में राजस्थान विद्यापीठ से स्नातकोत्तर। हिन्दी एवं खडिय़ा में लेख, कविताएँ, कहानियाँ स्थानीय एवं राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित तथा आकाशवाणी रांची एवं उदयपुर से लोकगीत, वार्ता व साहित्यिक रचनाएँ प्रसारित। सामाजिक विमर्श की पत्रिका ‘समकालीन ताना-बाना’, बाल-पत्रिका ‘पतंग’ (उदयपुर से प्रकाशित) का सम्पादन-प्रकाशन एवं झारखण्ड आन्दोलन की राजनीतिक पत्रिका ‘झारखण्ड खबर’ (रांची) का उप-सम्पादन। झारखण्ड की पहली बहुभाषायी पत्रिका ‘झारखण्डी भाषा, साहित्य, संस्कृति: अखड़ा’ (2004 से), खडिय़ा मासिक पत्रिका ‘सोरिनानिङ’ (2005 से) तथा नागपुरी मासिक पत्रिका ‘जोहार सहिया’ (2006 से) का सम्पादन-प्रकाशन। प्रकाशित पुस्तकें: पुरखा लड़ाके, किसका राज है, झारखण्ड: एक अन्तहीन समरगाथा, पुरखा झारखण्डी साहित्यकार और नये साक्षात्कार, असुर सिरिंग, आदिवासी साहित्य: परम्परा और प्रयोजन आदिम राग, कोनजोगा, एलिस एक्का की कहानियां, आदिवासी दर्शन और साहित्य आदि। समाज के शोषित एवं वंचित समुदाय, विशेषकर आदिवासी, महिला, शिक्षा, साक्षारता, स्वास्थ्य और बच्चों के मुद्दों पर पिछले 30 वर्षों से लगातार सक्रिय। महिला सवालों एवं सामाजिक, शैक्षणिक व स्वास्थ्य विषयों पर नुक्कड़ नाटकों में अभिनय तथा कई नाट्य कार्यशालाओं का निर्देशन-संचालन। वर्तमान में झारखंड की आदिवासी एवं देशज भाषा-साहित्य व संस्कृति के संरक्षण, संवद्र्धन और विकास के लिए प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन रांची, के साथ सृजनरत।.
Vandana Tete
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