Meri Ayodhya, Mera Raghuvansh

Author:

Rajeev ‘Acharya’

Publisher:

Prabhat Prakashan Pvt Ltd

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Publisher

Prabhat Prakashan Pvt Ltd

Publication Year 2023
ISBN-13

9789355214430

ISBN-10 935521443X
Binding

Paperback

Number of Pages 328 Pages
Language (Hindi)
Weight (grms) 300
हम दोनों भ्राता जब तक अपनी कुटी तक पहुँचते, तब तक अनर्थ घटित हो चुका था। हमारी कुटी रिक्त थी। भूमि पर धूलिकणों के मध्य अन्न एवं पात्र औंधे पड़े थे। 'सीते!' मैंने पुकारा, परंतु प्रत्युत्तर नहीं मिला। 'सीते!' मैंने पुन: पुकारा; पुन: प्रत्युत्तर में मुझे मौन ही प्राह्रश्वत हुआ। तत्पश्चात मैं भयभीत कुटी के प्रांगण में आया, जहाँ विशाल वटवृक्ष अवस्थित था। 'सीते! वृक्ष की आड़ में छिपकर मेरे साथ क्रीड़ा न करो। यह हास का समय नहीं है!' फिर भी मुझे कोई उत्तर नहीं मिला। अब मैं उसके पदचिन्हो को देखते हुए आगे बढऩे लगा। रथ के पहियों का चिह्नï मिलने के पश्चात् कोई अन्य चिह्नï नहीं मिला। मेरे धैर्य का सेतु टूट गया। 'देवताओ, गंधर्वो! क्या आपने भी नहीं देखा?' मैंने आकाश की ओर मुख करके भीषण गर्जना की। स्तब्ध पवनदेव ने अपना वेग मद्धिम कर दिया। उस तनावपूर्व घड़ी में देवताओं ने प्रश्नसूचक दृष्टि से गुरु बृहस्पति की ओर देखा। उन्होंने मंद-मंद मुसकराते हुए कहा, 'प्रभु लीला कर रहे हैं। आह! मेरा हृदय असंख्य शरों से बिंधा हुआ था। मैं लीला नहीं कर रहा था, वरन राम रूपी मानव काया में असहनीय वेदना का अनुभव कर रहा था। मैंने पुन: लक्ष्मण से कहा, अवश्य देखा होगा, इन वृक्षों ने, इन लताओं ने, इन पक्षियों ने, इन मृगों ने...। यह कहते हुए मैंने कदंब, अर्जुन, ककुभ, तिलक, अशोक, ताल, जामुन, कनेर, कटहल, अनार आदि अनेक वृक्षों से पूछा, क्या तुमने मेरी भार्या सीता को कहीं देखा है? परंतु वे सभी मौन रहे। —इसी पुस्तक से

Rajeev ‘Acharya’

राजीव 'आचार्य' प्रयागराज में जन्म, उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ अधिकारी, प्रदेश के महत्त्वपूर्ण राज्य स्तरीय संस्थाओं/संस्थानों में निदेशक/प्रबंध निदेशक के दायित्वों का निर्वहन। एम.बी.ए. (फाइनेंस) तथा एम-एस.सी. (कंह्रश्वयूटर एह्रश्वलीकेशन) की शिक्षा के साथ-साथ ज्योतिषशास्त्र में 'आचार्य' तथा वास्तुविद्या में 'वास्तुशास्त्राचार्य' की उपाधि प्राह्रश्वत की। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, संस्थाओं द्वारा अनेक साहित्य-सम्मान, यथा—'तुलसीदास साहित्य सम्मान', 'साहित्य गौरव अवॉर्ड 2021', 'साहित्य संवाहक', उ.प्र. राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान का 'साहित्य गौरव सम्मान 2021', 'रेवांत साहित्य गौरव सम्मान 2022', ज्योतिष महासंघ के द्वारा 'अवध गौरव ज्योतिष सम्मान', महर्षि पराशर विद्यापीठ द्वारा 'ज्योतिष गौरव सम्मान', अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महासंघ, हॉलैंड द्वारा 'अंतरराष्ट्रीयवास्तु आईकॉन अवॉर्ड' से अलंकृत। जर्मनी, साउथ कोरिया में विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्राह्रश्वत। 'श्रीरामचरितमानस और प्रबंधन नीति' पुस्तक प्रकाशित। वर्तमान में सरकारी सेवा में रहते हुए अध्ययनरत।
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