Publisher |
DK Print World Ltd |
Publication Year |
2020 |
ISBN-13 |
9788124610527 |
ISBN-10 |
8124610525 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
190 Pages |
Language |
(Hindi) |
Weight (grms) |
438 |
कृति परिचय
प्रस्तुत कृति में योग के इतिहास, विकास एवं दर्शन को जिज्ञासुओं के समाधानार्थ सरलतया प्रतिपादित करने का परिश्रम किया गया है।
फ्योगय् भारतीय सांस्कृतिक परम्परा की अनमोल विरासत है। सहड्डों वर्षों के तप एवं अभ्यास से ऋषियों-मुनियों ने, जो शरीर-रचना, स्वास्थ्य तथा अध्यात्म साधना की सामूहिक एवं एकीकृत प्रणाली विकसित की, वही योग है। यह फ्योगय् इसलिए भी है कि इसमें फ्जुड़नाय् है। इस फ्जुड़नेय् को शरीर के परिप्रेक्ष्य से लें तो स्वास्थ्य एवं आरोग्य के साथ जुड़ना है। आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य से लें तो आत्मज्ञान या ब्रह्मज्ञान, मोक्ष, कैवल्य आदि से जुड़ना या प्राप्ति है।
प्रस्तुत ग्रन्थ योग-परक अन्वेषणा की अनवरत जिज्ञासा का प्रतिफल है। वास्तव में जिज्ञासा ही मुख्य है, प्राप्ति गौण है, क्योंकि जिज्ञासा का शमन ही प्राप्ति है। योग जीवन में पूर्णता एवं सन्तोष की एक अनुभूति भरता है। योग की वास्तविक प्राप्ति व्यत्तिफ़ को सतत ऊर्ध्वगामी बनाती है। लक्ष्यों की प्राप्ति सुगम, जीवन में समरसता एवं सामंजस्यता का दिऽना, योग के प्रतिफलन के कुछ संकेत हैं। साध्य एवं साधन की अनुकूलता एवं उनमें शुचिता का बोध योग पथ पर व्यत्तिफ़ को दृढ़ रऽते हैं।
इस ग्रन्थ में पात×जल योग, हठयोग, मन्त्रयोग, लययोग, भत्तिफ़योग, ध्यानयोग, कर्मयोग तथा ज्ञानयोग का प्रामाणिक विवेचन किया गया है। पात×जल योग परम्परा के टीकाकारों एवं भाष्यकारों का विवेचन तथा योग-सम्बन्धी उपनिषदों के विषय में कतिपय विवरण प्रस्तुत हुआ है। समकालीन योगी योगानन्द, जे- कृष्णमूर्ति एवं ओशो रजनीश प्रभृति के दर्शन का सारभूत परिचय सरलतया प्रतिपादित किया है। वर्तमान युग में योग की स्वास्थ्य रक्षण में भूमिका, मानसिक स्वास्थ्य, सन्तुष्टि एवं शान्ति का मार्ग भी इसमें सिद्ध किया है। योग नैतिकता की शिक्षा में भी महत्त्वपूर्ण स्थान रऽता है, यह युत्तिफ़यों से सुसिद्ध किया है। उपनिषद् आदि में भी योग के विविध आयाम सुलभ हैं जिन पर रोचक प्रकाश डाला गया है। अन्त में संस्कृत मूलग्रन्थों की सूचना देकर विद्यार्थियों को उपकृत किया गया है।
हम सभी योग ऊर्जा से समन्वित एवं सात्त्विक गुणों से परिपूर्णित हों, इस भावना के साथ, योग अन्वीक्षा सुधी पाठकों को समर्पित है।
Sushim Dubey
DK Print World Ltd