Jab Jyoti Jagi : Ek Krantikari Ke Sansmaran

Author:

Sudhir Vidyarthi

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs270 Rs325 17% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2009
ISBN-13

9788126716548

ISBN-10 9788126716548
Binding

Hardcover

Number of Pages 248 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 399
भारतीय स्वाधीनता-आन्दोलन में बिना किसी प्रकार की सुयश-प्राप्ति की कामना किए हँसते-हँसते फाँसी के तख़्ते पर झूल जानेवाले मृत्युंजयी वीरों के बलिदान का सर्वाधिक महत्त्व रहा है। उन वीरों को जितनी प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त होना चाहिए था, उसकी उपेक्षा एवं अवहेलना सत्ता-लोलुप स्वार्थियों ने सदैव ही की है। यदि उन वीरों की निस्वार्थ मातृ-भूमि-सेवा का अनुकरण किया गया होता तो भारतीय जनता आज स्वर्ग-सुख का उपभोग न करती होती। पराधीनता के समय जो भी क्रान्तिकारी साहित्य उपलब्ध था उसे भारतीय युवक बड़े उत्साह से पढ़ते थे; इसीलिए तत्कालीन युवकों में देश के प्रति निस्स्वार्थ सेवा की सच्ची लगन थी। आज भारतीय जनता, विशेषतः युवकों में सुषुप्त त्याग और सेवा की भावना को जाग्रत करने के लिए उन क्रान्तिकारी वीरों के इतिहास के पठन-पाठन की अत्यधिक आवश्यकता है। भारतीय क्रान्तिकारियों के सम्बन्ध में अभी तक बहुत कम लिखा गया है। इन क्रान्तिकारियों के सम्बन्ध में पुस्तक लिखने का कार्य अत्यन्त कठिन है क्योंकि सभी क्रान्तिकारी अपने कार्य-कलापों को एकदम गुप्त रखते थे, उनके निकटतम सहयोगी भी उनकी बहुत सी बातों से अपरिचित रहते थे। प्रस्तुत पुस्तक अमर शहीद स्व. चन्द्रशेखर आजाद और भगवतीचरण बोहरा के अत्यन्त विश्वासपात्र, क्रान्तिकारी आन्दोलन में निरन्तर कार्य करनेवाले भाई सुखदेवराज जी ने लिखी है। अस्तु, पुस्तक की उपादेयता निर्विवाद ह|

Sudhir Vidyarthi

जन्म: 1 अक्तूबर, 1953 को पीलीभीत में। पैतृक घर शाहजहाँपुर का खुदागंज गाँव। शिक्षा: एम.ए., इतिहास। प्रकाशित कृतियाँ: अशफाकउल्ला और उनका युग, शहीद रोशनसिंह, उत्सर्ग, हाशिया, मेरा राजहंस, शहीद अहमदउल्ला शाह, आमादेर विप्लवी, भगतसिंह की सुनें (पंजाबी में भी अनूदित), शहीद भगतसिंह: इन्कलाब का सफर, पहचान बीसलपुर, मेरे हिस्से का शहर, अग्निपुंज (शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जीवन-कथा), अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद (सं.), शहीद भगत सिंह: क्रान्ति का साक्ष्य, काला पानी का ऐतिहासिक दस्तावेज (सं.), कर्मवीर पं. सुन्दरलाल: कुछ संस्मरण, शहीदों के हमसफर, अपराजेय योद्धा कुँवर भगवान सिंह, गदर पार्टी भगत सिंह तक (सं.), जब ज्योति जगी (सं.), बुन्देलखंड और आजाद, क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त, आज का भारत और भगत सिंह, क्रान्ति की इबारतें, जखीरे में शाहदत (सं.) आदि। 1985 से साहित्य-विचार की पत्रिका संदर्श का सम्पादन और प्रकाशन। आत्मकथात्मक संस्मरण ‘मेरा राजहंस’ की एनएसडी सहित देश-भर में 23 नाट्य प्रस्तुतियाँ। ‘अशफाकउल्ला और उनका युग’ पुस्तक पर आधारित ‘स्वराज्य’ का धारावाहिक डीडी-1 पर दो बार प्रदर्शन। उत्तर प्रदेश के कर्मचारी-मजदूर आन्दोलन में 20 वर्ष तक सक्रिय भागीदारी व प्रदेशीय नेतृत्व। इसी के तहत दो बार जेल-यात्रा, कई मुकदमे व यातनाएँ। सम्प्रति: स्वतंत्र लेखन एवं संस्कृति कर्म।.
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