पंचतंत्र - भाग 3 (भारत की नीतिकथाओं का संग्रह)

Author:

Tanvir Khan

Publisher:

V & S Publishers

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Publisher

V & S Publishers

Publication Year 2018
ISBN-13

9789350570050

ISBN-10 9789350570050
Binding

Paperback

Edition FIRST
Number of Pages 43 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 24x17x0.5
Weight (grms) 92
पंचतंत्र भारतीय नीतिकथाओं का शायद सबसे पुराना संग्रह है जो अभी भी उतना ही लोकप्रिय है जितना पहले था। ऐसा माना जाता है कि पंचतंत्र 2000 ईस्वी पूर्व महान हिन्दू विद्वान पंडित विष्णु शर्मा द्वारा लिखा गया था। पंचतंत्र का मतलब पाँच सिद्धांत हैं। यह एक नीतिशास्त्र है जिसका मतलब ऐसी पुस्तक जो जीवन में विवेकपूर्ण आचरण करना सिखाती है। पंचतंत्र में पाँच सिद्धांत बताए गये हैं जो नीचे दिये गये हैं: 1. मित्र भेद 2. मित्र लाभ 3. सुहृद भेद 4. लब्ध प्रणाशम् 5. अपरीक्षितकारकं पंचतंत्र की सरल कहानियाँ आधुनिक भौतिकवादी, व्यक्तिवादी तथा तनावपूर्ण जीवन में भी समय की कसौटी पर खरी उतरी है तथा युवावर्ग के पाठकों को मानव स्वभाव को समझकर सफलता पाने के लिए पथ प्रदर्शन करती हैं। मुख्य विशेषताएँ: सरल एवं सुबोध भाषा में लिखी गयी हैं। प्रत्येक कहानी में एक नैतिक शिक्षा दी गयी है। शब्द संग्रह निर्माण के लिए शब्दार्थ दिये गये हैं। विषय या स्थिति-विशेष की उपयुक्त जानकारी के लिए अभ्यास दिये गये हैं। पंचतंत्र संक्षिप्त रूप में बच्चों के लिए प्रायः उपलब्ध है। वास्तव में पंचतंत्र की कहानियाँ बड़ों के लिए भी अत्यंत उपयोगी एवं व्यावहारिक महत्त्व की हैं।

Tanvir Khan

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