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| Publisher | VANI PRAKSHAN |
| Publication Year | 2020 |
| ISBN-13 | 9788194873624 |
| ISBN-10 | 8194873622 |
| Binding | Paperback |
| Number of Pages | 400 Pages |
| Language | (Hindi) |
| Dimensions (Cms) | 23 X15 X 2.5 |
| Weight (grms) | 450 |
23 मई 2019 को जब आम चुनावों के परिणाम घोषित किये गये तो नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक गठबन्धन ने प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में पुनर्वापसी की थी। कुछ लोगों के लिए ये आश्चर्यचकित करने वाले परिणाम थे, जबकि कुछ लोगों की दृष्टि में भाजपा की यह जीत सरकार और उनकी नीतियों पर आम जनता की आस्था की मुहर का प्रतीक थी। यदि किसी राजनीतिक विचार के आग्रह से मुक्त होकर मूल्यांकन किया जाय तो इस बात में कोई सन्देह नहीं कि यह एक ऐतिहासिक जनादेश था, जिसका निष्पक्ष और सुचिन्तित विश्लेषण करने की आवश्यकता है। राजदीप सरदेसाई की नयी पुस्तक 2019 : मोदी की जीत ठीक यही काम करती है। वे क्या कारण थे जिनकी वजह से मोदी पाँच साल बाद लगातार दूसरी बार अपने विरोधियों को मात देने में सफल हुए थे? आख़िर भाजपा ने उन राज्यों में भी कांग्रेस को फिर से कैसे पटखनी दे दी जिन्हें एक वक़्त उसका गढ़ माना जाता था? भाजपा के लिए इन चुनावों में केन्द्रीय मुद्दा क्या था : विकास का या फिर राष्ट्रीय अभिमान का? पिछले पाँच वर्षों में राष्ट्रीय राजनीति को दोबारा जीते हुए राजदीप पाठकों को उन सभी उतार-चढ़ावों से परिचित कराते हैं जिनकी पराकाष्ठा को 2019 के चुनावों में स्पष्ट तौर पर अनुभूत किया जा सकता है। इसी क्रम में वे भारत के राजनीतिक चरित्र और लक्षणों के साथ-साथ येन केन प्रकारेण ख़बरों की सुर्खियों में रहने वाले व्यक्तित्वों को चिह्नित करने में पाठकों की मदद करने की कोशिश करते हैं। अगर 2014 के आम चुनावों ने भारत को बदला तो इस नज़रिये से 2019 के आम चुनावों ने 'नये भारत' की रूपरेखा को परिभाषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। 2019 : मोदी की जीत नये भारत का रोचक वृत्तान्त है जो अभी भी अपने चरित्र में बदलने की प्रक्रिया से गुज़र रहा है।
Rajdeep Sardesai
VANI PRAKSHAN