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Publisher | Vani Prakashan |
Publication Year | 2023 |
ISBN-13 | 9789357751537 |
ISBN-10 | 935775153X |
Binding | Hardcover |
Number of Pages | 156 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22 X 14 X 1.5 |
Weight (grms) | 360 |
आप बहुत... बहुत... सुन्दर हैं! - हिन्दी में घोषित रूप में प्रेम कथाएँ कम ही लोगों ने लिखी हैं। यह साहस कथाकार कीर्तिकुमार सिंह में है । उनकी मान्यता है कि निन्यानवे प्रतिशत लोगों के बारे में अच्छे लोग बहुत कम लिखते हैं । आज हमारे समाज में प्रेम की भारी कमी हो गयी है। सबसे ऊपर पैसे की हैसियत ने संवेदनाओं को पीछे धकेल दिया है। ऐसे में कीर्तिजी की प्रेम कथाएँ एक खुशनुमा झोंके की तरह से हैं लेकिन आप इन्हें कोरी प्रेम कथाएँ पढ़ने के लालच में पढ़ेंगे तो भारी भूल होगी। यहाँ कथाकार ने बड़ी सूक्ष्मता से हमारे तथाकथित सभ्य समाज की ख़बर भी ली है। राम रचि राखा की सुषमा और राधा हों या वह नहीं आयी के मनीष और मीनाक्षी; पति, सेकेंड हैंड की सोनाली हो या अम्बानी की कथा; अलग-अलग जगहों और जीवन स्थितियों में प्रेम के विविध रंग इन कथाओं में मिलते हैं । नौ कहानियों में नवरंग देखने को ही नहीं मिलते, बल्कि सच्ची और ज़िन्दा कहानियों की दृष्टि से भी यह प्रेम कथा-संग्रह पाठकों को पसन्द आयेगा । कथाकार की सफलता इसी में है कि वह अपनी हर कथा को पढ़वा ले जाता है। पाठकों को लगेगा कि अरे, ये तो हमारे ही आस-पास की कहानियाँ हैं।
Kirtikumar Singh
Vani Prakashan