प्रस्तुत पुस्तक ‘आधुनिक कविता-यात्रा’ में प्रमुखतः छायावाद के उदय तक का विवेचन हुआ है। छायावाद और परवर्ती काव्य के महत्त्वपूर्ण विकास-क्रमों को इस ग्रन्थ में उठाया गया है।
आधुनिक हिन्दी कविता के राष्ट्रीय संस्कार परिवर्तन या विकास-क्रम का उल्लेख भी किया गया है। एकाधिकार देशभक्ति की सामान्य मानवीय वृत्ति सचेतन होकर राष्ट्रीयता का रूप ग्रहण करती है। और यों यह स्वचेतन राष्ट्रबोध आधुनिक संवेदना का पहला महत्त्वपूर्ण कारण और प्रमाण दोनों है।
आशा है, यह पुस्तक विधार्थियों, शोधार्थियों तथा अध्यापकों का मार्गदर्शन करने में सफल सिद्ध होगी।
Ramswaroop Chaturvedi
जन्म: 1931 ई. में कानपुर में। आरंभिक शिक्षा पैतृक गाँव कछपुरा (आगरा) में हुई। बी.ए. क्राइस्ट चर्च, कानपुर से। एम.ए. की उपाधि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1952 में। वहीं हिंदी विभाग में अध्यापन (1954-1991)। डी.फ़िल् की उपाधि 1958 में मिली, डी.लिट् की 1972 में। आरंभिक समीक्षापरक निबंध 1950 में प्रकाशित हुए। नयी प्रवृत्तियों से संबद्ध पत्रिकाओं का संपादन किया: ‘नये पत्ते’ (1952), ‘नयी कविता’ (1954), ‘क ख ग’ (1963)। शोध-त्रैमासिक ‘हिंदी अनुशीलन’ का संपादन (1960-1984)। प्रकाशन: शरत् के नारी पात्र (1955), हिंदी साहित्य कोश (सहयोग में संपादित - प्रथक भाग 1958, द्वितीय भाग 1963), हिंदी नवलेखन (1960), आगरा जिले की बोली (1961), भाषा और संवेदना (1964), अज्ञेय और आधुनिक रचना की समस्या (1968), हिंदी साहित्य की अधुनातन प्रवृत्तियाँ (1969), कामायनी का पुनर्मूल्यांकन (1970), मध्यकालीन हिंदी काव्यभाषा (1974), नयी कविताएँ: एक साक्ष्य (1976), कविता यात्रा (1976), गद्य की सत्ता (1977), सर्जन और भाषिक संरचना (1980), इतिहास और आलोचक-: ष्टि (1982), हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास (1986), काव्यभाषा पर तीन निबंध (1989), प्रसाद-निराला-अज्ञेय (1989), साहित्य के नये दायित्व (1991), कविता का पक्ष (1994), समकालीन हिंदी साहित्य: विविध परि: श्य (1995), हिंदी गद्य: विन्यास और विकास (1996), तारसप्तक से गद्यकविता (1997), भारत और पश्चिम: संस्कृति के अस्थिर संदर्भ (1999), आचार्य रामचंद्र शुक्ल - आलोचना का अर्थ: अर्थ की आलोचना (2001), भक्ति काव्य-यात्रा (2003)। संयुक्त संस्करण: भाषा-संवेदना और सर्जन (1996), आधुनिक कविता-यात्रा (1998)। आलोचना: सैद्धांतिक और व्यावहारिक, भाषाशास्त्र तथा विचारों के साहित्य में विशेष रुचि। सुषमा के साथ विवाह: 1955। तीन बेटे - विनीत (=पल्लवी), विनय (=दीपा), विवेक (=शेफाली)। साधना तथा व्यास सम्मान: 1996
Ramswaroop Chaturvedi
LOKBHARTI PRAKASHAN