Black Warrant (Hindi)

Author :

Mr. Sunil Gupta

Publisher:

Prabhat Prakashan

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Publisher

Prabhat Prakashan

Publication Year 2022
ISBN-13

9789355212580

ISBN-10 9789355212580
Binding

Paperback

Number of Pages 240 Pages
Language (Hindi)
Weight (grms) 200
रेलवे के साथ काम कर चुके उच्च विचारों वाले जिज्ञासु सुनील गुप्ता ने जब तिहाड़ में नई जिम्मेदारी सँभाली तब एक परिचित व्यक्ति उनकी मदद कर रहा था। वहाँ से जाते समय उन्हें यह एहसास हुआ कि वह बेहद शातिर अपराधी और विकृत मानसिकता वाला चार्ल्स शोभराज था, जो उस जेल का स्टार था, जहाँ धोखेबाजों की तूती बोलती थी। गुप्ता भी एक तरह से उम्र कैदी थे, जिन्होंने एक ऐसी जगह में तीन दशक से ज्यादा समय बिताया। जहाँ पिटाई करना ही रोजी-रोटी थी और अधिकार माँगनेवाले पीड़ितों की हड़ताल नाश्ते की तरह थी। यह पुस्तक कई खुलासे करती है, बताती है कि एशिया की सबसे बड़ी जेल के भीतर जीवन कैसा है ? क्या होता है जब किसी को फाँसी दे दी जाती है, मगर दो घंटे बाद भी उसकी नब्ज थमती नहीं ? क्या निर्भया के बलात्कारी राम सिंह ने खुदकुशी की थी, या उसकी हत्या की गई थी ? पहली बार हम जेल के भीतर के व्यक्ति से सनसनीखेज बातों को जानते हैं, जिसने वहाँ जो कुछ देखा उस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। बेहद खराब फैसलों का शिकार होनेवालों से लेकर भारतीय इतिहास के कुख्यात लोगों तक, गुमनाम से लेकर सबसे अधिक सजा पानेवाले इस उपमहाद्वीप के अपराधियों तक, शोभराज से लेकर अफजल गुरु तक, दोषी और फँसाए गए लोग कैसे जिए और मरे। पुरस्कृत पत्रकार सुनेत्रा चौधरी ने सबसे गुप्त संस्थानों में से एक में बिताए गए एक असाधारण जीवन को कलमबंद किया है। भारत की न्याय और आपराधिक न्याय प्रणाली के अनजाने, सबसे दिलचस्प और सहज-सरल वर्णन के लिए “ब्लैक बॉरंट' को पढ़ें, जो रहस्यों और आश्चर्यों से भरी पुस्तक है।

Mr. Sunil Gupta

सुनील गुप्ता 4984 में तिहाड़ जेल में काम करना शुरू किया, कालांतर में कारागार के प्रवक्ता एवं कानूनी सलाहकार के पद पर पदोन्‍तत किया गया। तिहाड़ जेल से अवकाश प्राप्ति के बाद दिल्‍ली उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता रहे। उन्होंने भारत की कारागार प्रणाली में सुधार लाने हेतु अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें जेलों के अंदर विशेष न्यायालयों की स्थापना से लेकर कारागारों तथा न्यायालयों के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था प्रमुख है। कारागार सुधार और प्रशासन के क्षेत्र में अपने प्रयासों एवं उपलब्धियों हेतु उन्हें 'इंडिया विजन फाउंडेशन पुरस्कार' प्राप्त हुआ। वह देश में विधिक क्षेत्र के एकमात्र अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी अप्रतिम एवं असाधारण सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्वारा 'सुधार पदक ' प्रदान किया गया। सुनेत्रा चौधरी कैरियय की शुरुआत “इंडियन एक्सप्रेस समाचार-पत्र से की। तीन वर्ष बाद उन्होंने टी.वी. समाचारों की ओर रुख किया और “एन.डी.टी. वी.' से जुड़ गईं। इसमें उनके द्वारा लिये गए अनेक कैदियों के सघन साक्षात्कारों को समाहित किया गया है। उन्हें वर्ष 206 में 'रेड इंक पुरस्कार ' प्राप्त हुआ; वह 208 की जेफरसन फेलो हैं। हाल ही में उन्हें 'मैरी मॉर्गन हेवेट अवार्ड' प्राप्त हुआ, जो महिला पत्रकारों की उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है। वर्तमान में वह 'हिंदुस्तान टाइम्स' की राजनीतिक संपादक हैं।

Reviewed on: Feb 02, 2025
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