Dhalti Sanjh Ke Musafir

Author :

Pratapmal Devpura

Publisher:

RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD

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Publisher

RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD

Publication Year 2018
ISBN-13

9789382193012

ISBN-10 9789382193012
Binding

Hardcover

Number of Pages 180 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20X14X4
Weight (grms) 1000
एक दिन जब आकाश साफ हो तब किसी ऊँचे स्थान से सुबह के समय उगते सूरज की छटा देखें। फिर उसी स्थान से सायंकाल में भी ढलते सूरज की छटा देखें। ढलता सूरज उगते सूरज से कम प्रकाशवान नहीं होता। यह बात वृद्धावस्था के लिए भी सत्य है। बुढ़ापा आते ही निराशाजनक स्वर सुनाई पड़ते हैं। वास्तविकता यह है कि वृद्धावस्था कोई रोग नहीं है, शरीर की एक प्रक्रिया है, प्राकृतिक क्रम को हमें स्वीकार कर लेना पड़ता है। वृद्धावस्था में अनेक शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव आते हैं जिनके साथ तालमेल बिठाना आवश्यक है। हर व्यक्ति की परिस्थितियों से तालमेल बिठाने की क्षमता भी अलग-अलग होती है। इस अवस्था में पग-पग पर अनिश्चितता भी होती है। बुजुर्गों में स्वास्थ्य की समस्याएँ जटिल होती हैं। वे स्वयं अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक से नहीं समझते हैं क्योंकि कई लोगों में एक से अधिक बीमारियाँ मौजूद होती हैं। इसलिए उनका इलाज भी कठिन होता है। अनेक औषधियों के सेवन से उनके दुष्प्रभाव भी उन बीमारियांें में सम्मिलित हो जाते हैं। अनेक बुजुर्ग इलाज का खर्च वहन करने में अक्षम होते हैं तब बुजुर्गों को और कठिनाइयाँ हो जाती हैं। नियमित एवं सादा खान-पान, स्वास्थ्य के प्रति चेतना, सुबह-शाम टहलना, योग, व्यायाम आदि में नियमित रहना रोग निराकरण में बहुत मददगार होता है। प्रत्येक बुजुर्ग को दूसरे बुजुर्गोंे की देखभाल का समय भी निकालना चाहिए जिससे उनको राहत मिलेगी। आपकी जीवन संध्या सुखद होगी या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इस जीवन संध्या के लिए सार्थक योजना बनाई थी या नहीं। इस पुस्तक लेखन का उद्देश्य यह है कि पाठकों में इस अवस्था के बारे में जागरूकता आए।

Pratapmal Devpura

शिक्षा: एम.ए. एम.एससी. एम.एड.। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर से प्रायोजना अधिकारी पद से मार्च, 1999 में सेवानिवृत्त। लेखन: जनसंख्या, किशोरावस्था, पर्यावरण विकास, पंचायतीराज, शिक्षा, विज्ञान आदि विषयक 60 लेख एवं 12 पुस्तकें प्रकाशित। सम्मान: हिन्दी में मौलिक पुस्तक ‘जनसंख्या शिक्षा’ के लिए वर्ष 1995-96 में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत। भारतीय विज्ञान लेखक संघ द्वारा तीसरी विज्ञान संचार कांग्रेस, 2003 में विज्ञान के लोकव्यापीकरण एवं संचार के लिए चिरस्थायी प्रयत्न हेतु सम्मानित। सम्प्रति: गैरसरकारी संस्था विद्याभवन सोसायटी, उदयपुर में पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण एवं सामग्री-निर्माण के कार्य में संलग्न। सम्पर्क: 1-सी, शिवाजी नगर, उदियापोल, उदयपुर। फोन: 0294-2483742 (आ.)।.
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