Availability: Available
Shipping-Time: Usually Ships 3-5 Days
0.0 / 5
| Publisher | Manjul Publishing House Pvt Ltd |
| Publication Year | 2025 |
| ISBN-13 | 9789355438492 |
| ISBN-10 | 9355438494 |
| Binding | Hardcover |
| Number of Pages | 374 Pages |
| Language | (Hindi) |
| Weight (grms) | 360 |
मेरी आजीविका रफ हीरों को तराशने से लेकर रत्नों के रूप में उनका व्यापार करने तक हीरों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। मैंने हीरों को भौतिक रूप में ईश्वर स्वरूप माना है-शुद्ध, बेदाग, पारदर्शी और शाश्वत। अतल गहराई वाली जगहों से लेकर रफ बनने तक अग्निपुंज जैसी ज्वाला लिए चमकदार हीरे राजमुकुटों और आभूषणों की शोभा बढ़ाते हैं और जीवात्मा की तरह ही अपरिवर्तनीय होते हैं। वे किसी भी मानवीय कृत्य से अछूते रहते हैं। अपने जीवन में मैंने अवसरों पर दांव लगाया और हालात ने मेरा साथ दिया। कई चीजें मेरी योजना के मुताबिक ही सहज रूप से हुईं, और कुछ नियति ने तय की। अगर मैं अलग होता तो शायद बहुत कुछ अलग होता। हालांकि, ऐसा लग रहा था कि यह पूर्व निर्धारित है। अपने जीवन और खुद के बारे में मेरी अपनी कोई राय नहीं है। हां, मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जितना मैं अपने जीवन को जी रहा था, उससे कहीं अधिक जीवन मेरे माध्यम से जी रहा था। मनुष्य के मस्तिष्क में तो अस्पष्टता होती है, लेकिन ईश्वर का स्वरूप स्पष्ट होता है। मैं अपने रास्ते में आने वाली छोटी-छोटी जिम्मेदारियों को निभाता रहा और भगवान ने मुझे कभी निराश नहीं किया 'I am nothing, but I can do anything'.
Arun Tiwari
,Kamlesh Yagnik
Manjul Publishing House Pvt Ltd