Dilli Ke Dangal Mein

Author :

Nirbhay Hathrasi

Publisher:

Penguin Swadesh

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Publisher

Penguin Swadesh

Publication Year 2024
ISBN-13

9780143471486

ISBN-10 0143471481
Binding

Paperback

Number of Pages 144 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22 X 14 X 1.5
Weight (grms) 114

निर्भय हाथरसी बहुत ही प्रतिभाशाली कवि थे। मंच पर वे बिना लिखे ही कविता पढ़ते थे। लेकिन वे मंचों पर अपनी बेलाग बेबाक तथा कटाक्षपूर्ण टिप्पणियों के लिए भी प्रसिद्ध थे। इस संग्रह में उनकी ऐसी कविताएँ हैं, जो उन्होंने मंचों पर सीधे पढ़ी और बाद में लिखी। निर्भय हाथरसी की हास्य कविता ‘मारे गए मलखान दिल्ली के दंगल में. . .सिंडीकेट मैदान दिल्ली के दंगल में।' एक ऐसी कविता है, जिसका पाठ विदेशों तक में आज भी होता है। कविताओं का यह संकलन अपने आप में अद्भुत है, इसमें हास्य कविताएँ भी हैं, तो व्यंग्य भी हैं और साथ ही कटाक्ष भी इन कविताओं में देखा जा सकता है। राजनीति और देश की आबोहवा को भी ये कविताएँ रेखांकित करती हैं।

Nirbhay Hathrasi

निर्भय हाथरसी कवि ही नहीं, कुशल लेखक और पत्रकार भी थे। उनका मूल नाम देवीदास तैनगुरिया था। हाथरस के दिल्ली वाला चौक इलाके के रहने वाले निर्भय हाथरसी का जन्म तो अपनी ननिहाल मथुरा जिले के एदलपुर गाँव में वर्ष 1926 की देवोत्थान एकादशी के दिन हुआ था, लेकिन इसके बाद हाथरस की उनकी कर्मभूमि रही। काव्य मंचों के वटवृक्ष रहे निर्भय ने अपनी लोकप्रिय कविताओं के माध्यम से मातृभाषा हिंदी की सेवा की। निर्भय हाथरसी ने अनेक रसों, छंदों, व्यंग खंडकाव्य, समसामयिक रचनाएँ और उर्दू की ग़ज़लें भी लिखीं। उनकी कविताओं की 250 पुस्तकें प्रकाशित हुईं। निर्भय हाथरसी का देहावसान 28 जुलाई 1999 को गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था।
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