Publisher |
SARVATRA |
Publication Year |
2021 |
ISBN-13 |
9789355430083 |
ISBN-10 |
9355430086 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
210 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
22 X 14 X 1.2 |
Weight (grms) |
180 |
अल्फ़ाज़ की कारीगरी नहीं ये किसी ख़्वाब की ता’बीर है दिल कैनवास, जज़्बात रंग और मेरी शायरी तस्वीर है
Amit Srivastava
कोलकाता के रहने वाले अमित श्रीवास्तव “अमीक़” कॉरपोरेट की दुनिया से त’अल्लुक़ात रखते हैं। जहाँ टैक्नोलॅाजी और मैनेजमेंट उनकी जीविका का हिस्सा हैं वहीं अदब-ओ-शायरी उनकी ज़िन्दगी का अभिन्न अंग है। उनका ये मानना है कि “उर्दू ज़बान, शायरी और दर्द (ट्रेजेडी) से मोहब्बत” उनको मोहम्मद रफ़ी साहब के गानों से विरासत में मिली है। फ़ुर्क़त के रात दिन शायरी की उनकी पहली किताब है। उनकी नज़रों में शायरी में ज़बान की सादगी और अल्फ़ाज़ की किफ़ायत-ओ-लताफ़त बेहद ज़रूरी हैं, लेकिन ये वो हुनर है जो आते-आते आता है। शायरी में उनका तर्ज़ उनके इस शेर से बख़ूबी बयान होता है: जज़्बात-ए-दिल की धीमी आँच पर ख़यालों का पकना है शायरी !!
Amit Srivastava
SARVATRA