| Publisher |
Manjul Publishing House Pvt Ltd |
| Publication Year |
2025 |
| ISBN-13 |
9789355436443 |
| ISBN-10 |
9355436440 |
| Binding |
Paperback |
| Number of Pages |
172 Pages |
| Language |
(Hindi) |
| Weight (grms) |
150 |
यदि आपको उनके दर्शन नहीं होंगे तो किसे होंगे ?' अपने हृदय में गूँजते भैरवी माँ के इन शब्दों को लेकर एक युवा भिक्षु, करोड़ों डॉलर का व्यावसायिक साम्राज्य त्याग कर हिमालय चले गए। वहाँ उन्होंने तेरह माह गहन ध्यान में व्यतीत किए जिसका उन्हें सर्वोत्तम पुरस्कार मिला : आत्म-साक्षात्कार। यद्यपि उन शांत किन्तु निर्जन पर्वतों में वास्तव में हुआ क्या? कड़ाके की शीत, वन्य पशु, क्षुधा एवं अत्यधिक एकाकीपन के मध्य, ओम स्वामीजी ने अपने मन और तन की सीमाओं का परीक्षण किया। घंटों साधना में बैठकर संघर्ष करते हुए वे पारलौकिक आनंद और भारी निराशा के क्षणों के बीच झूलते रहे। उन्होंने आध्यात्मिक साधना की कौन-सी पद्धतियाँ अपनाई? उन्होंने साधना की 'चिंगारी' को कैसे जीवंत रखा ? क्या ईश्वर तक पहुँचने के लिए अनुष्ठान पर्याप्त थे अथवा संदेह और भय ने इतने प्रज्ञावान व्यक्ति को भी व्याकुल बनाए रखा? हिमालय में तेरह मास में, ओम स्वामीजी के आत्म-साक्षात्कार की असाधारण यात्रा के दुर्लभ और मंत्रमुग्ध कर देने वाले वृत्तान्त की झलक मिलती है। बेस्टसेलिंग पुस्तक इफ़ ट्रुथ बी टोल्ड का यह अगला भाग है, जो आपको एक भिक्षु की आध्यात्मिक साधना के मर्म तथा ईश्वर-प्राप्ति की अटूट गहराई में ले जाता है।
Om Swami
Om Swami is a mystic living in the Himalayan foothills. He has a Bachelor’s degree in business and an MBA from Sydney, Australia. Prior to his renunciation of this world, he founded and successfully ran a multimillion-dollar software company. He is the bestselling author of A Fistful of Wisdom, The Ancient Science of Mantras, A Million Thoughts, Kundalini: An Untold Story, A Fistful of Love and If Truth Be Told: A Monk’s Memoir.
Om Swami
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