Karna Sangini: Ek Parityakt ki Rani ( Hindi)

Author :

KAVITA KANE

Publisher:

Manjul Publishing House Pvt Ltd

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Publisher

Manjul Publishing House Pvt Ltd

Publication Year 2020
ISBN-13

9789389647150

ISBN-10 9389647150
Binding

Paperback

Number of Pages 356 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 1500
कुंती व सूर्य देव के संसर्ग से कर्ण का जन्म हुआ, जिसे उसकी माँ ने जन्म लेते ही त्याग दिया। वह राजकुमारों जैसे भाग्य का अधिकारी था परंतु उसे एक पिछड़ी जाति के सूत ने गोद लिया और वह उनमें से एक बना। एक क्षत्रिय राजकुमारी उरुवी ने उसे अपने स्वयंवर में अर्जुन के स्थान पर चुना और यह एक बड़े सामाजिक विरोधाभास का विवाह था। उरुवी को कर्ण के परिवार की स्वीकृति पाने के लिए उसके प्रति अपने प्रेम और असीम बुद्धिमत्ता को प्रकट करना पड़ा। अंततः वह कर्ण की सहयोगी, परामर्शदाता और मार्गदर्शक बनी। हालाँकि, दुर्योधन के प्रति अंधनिष्ठा के कारण कर्ण का पतन हुआ, जिसे बदल पाना उरुवी के वश में नहीं था। इस पुस्तक को उरुवी के दृष्टिकोण से लिखा गया है, और यह पांडवों व कौरवों के बीच हुए संघर्ष की पृष्ठभूमि की अनेक परतों को खोलती है। यह सभी विरोधों से परे, प्रेम की विजय की एक काव्यात्मक व मौलिक गाथा है। 'पुराकथा और समकालीन किस्सागोई का एक शानदार मेल' - आश्विन सांघी 'यदि आपको पौराणिक कथाओं से लगाव है, तो यह पुस्तक अवश्य पढ़ें। आपको बहुत पसंद आएगी' - अमीश त्रिपाठी

KAVITA KANE

Kavita Kane is a former journalist who graduated from a Pune college in English literature and also has a degree in journalism. After the success of her first book Karna’s Wife, published in 2013, she has taken to full time writing and continuing with the mythology drama genre has written Sita’s Sister, published in 2014 and Menaka’s Choice published in 2015.
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