Sadabahar Kahaniyan : Saadat Hasan Manto

Author :

Saadat Hasan Manto

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Unbound Script

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Publisher

Unbound Script

Publication Year 2023
ISBN-13

9789392088452

ISBN-10 9392088450
Binding

Paperback

Number of Pages 112 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 14.6 X 9.4 X 0.5
Weight (grms) 100

सआदत हसन मंटो 1912 - 1955 मंटो उन लेखकों में हैं, जिन्होंने आदर्श और मर्यादा के नाम पर चलने वाले पाखण्ड को तार-तार कर दिया और | सामाजिक यथार्थ को नंगी आँखों से देखना सिखाया। इसके चलते उनपर कई बार अश्लीलता के आरोप गले। इस बाबत छः मुक़दमें चले। तीन अविभाजित भारत में और तीन पाकिस्तान में। लेकिन ये आरोप साबित नहीं हुए। टोबाटेक सिंह, बू, काली शलवार, खोल दो जैसी कहानियों ने न सिर्फ़ उर्दू बल्कि हिंदी कथा साहित्य को भी प्रभावित किया। उन्हें कहानियों के अतिरिक्त रेडियो और फिल्म पटकथा लेखन के लिए भी याद किया जाता है।

Saadat Hasan Manto

सआदत हसन मंटो का जन्म 11 मई, 1912 को समराला, पंजाब में हुआ था। 1931 में मैट्रिक करने के बाद आगे की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। मंटो की कहानियों की पिछली सदी से अब तक जितनी चर्चा हुई है, उतनी उर्दू और हिन्दी क्या, दुनिया की किसी भी भाषा के कथाकार की शायद ही हुई हो। यही कारण कि चेख़व के बाद मंटो ही थे, जिन्होंने अपनी कहानियों के दम पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफलता हासिल की।उनकी प्रसिद्ध कहानियों में ‘ठंडा गोश्त’, ‘टोबा टेक सिंह’, ‘काली शलवार’, ‘मोज़ेल’, ‘दस रुपये’ आदि शामिल हैं। उनके कुछ कहानी-संग्रहों के अलावा एक उपन्यास, रेडियो नाटकों के पाँच संग्रह, निबन्धों के तीन संग्रह, और व्यक्तिगत स्केच के दो संग्रह प्रकाशित हैं।कहानियों में अश्लीलता के आरोप की वजह से मंटो को छह बार अदालत जाना पड़ा था, जिसमें से तीन बार पाकिस्तान बनने से पहले और तीन बार पाकिस्तान बनने के बाद, लेकिन एक भी बार मामला साबित नहीं हो पाया। मंटो की कई कहानियों का अनुवाद दुनिया की विभिन्न भाषाओं में किया जा चुका है। मंटो की सम्पूर्ण रचनाओं का संग्रह राजकमल प्रकाशन से ‘सआदत हंसन मंटो : दस्तावेज़’ नाम से पाँच खंडों में प्रकाशित है।
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