Indradhanush (Hindi)

Author :

Mridula Gupta

Publisher:

Prabhat Prakashan Pvt Ltd

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Publisher

Prabhat Prakashan Pvt Ltd

Publication Year 2024
ISBN-13

9789355622648

ISBN-10 9355622643
Binding

Paperback

Number of Pages 32 Pages
Language (Hindi)
Weight (grms) 75
आसमान में उड़ते पक्षी, घुमड़ते बादल और चमकता सूरज बच्चों को आकर्षित करते हैं। रिमझिम बारिश और इंद्रधनुष देखकर वे नाच उठते हैं। रात में चाँद और तारे उन्हें गुदगुदाते हैं। प्रकृति में बहुत कुछ ऐसा है जो बहुत सुंदर है और हमारे लिए बहुत उपयोगी है-पर्वत, झरने, नदी, सरोवर, समुद्र, वृक्ष और जीव-जंतु इत्यादि। बच्चों में इनके प्रति स्वाभाविक सम्मान हो, इसलिए ये इन कविताओं के केंद्र में हैं। हमारे देश में कई महापुरुष हुए हैं, जिनमें बच्चों के प्यारे बापू प्रमुख हैं। बच्चे इनसे प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ें तो इस पुस्तक के लेखन का उद्देश्य पूरा होगा | इन सभी विषयों और उनकी उपयोगिताओं रूपी ताने-बाने को मैंने कविताओं के रूप में बुनने की कोशिश की है। मुझे विश्वास है कि ये कविताएँ बच्चों को पसंद आएँगी, संस्कार देंगी, सुनने और बोलने में अच्छी लगेंगी और उनका ज्ञानवर्धन भी करेंगी ।

Mridula Gupta

डॉ. मृदुला गुप्ता महारानी श्रीजया महाविद्यालय, भरतपुर में संस्कृत विभाग की अध्यक्ष थीं। सन्‌ 2003 में ये स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हुईँ। राजस्थान विश्वविद्यालय में बी.ए. ऑनर्स में सर्वप्रथम आने पर इन्हें स्वर्णपदक प्रदान किया गया। इसी विश्वविद्यालय से इन्होंने एम.ए. एवं पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की । इनके शोध प्रबंध का विषय ' वैदिक साहित्य में वैज्ञानिक सत्य' था। यह शोध पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुका है।इस शोध के द्वारा वेदों की वैज्ञानिक व्याख्या की एक नई पद्धति तैयार की और इसके द्वारा वेदों में वर्णित वैज्ञानिक सत्यों का उद्घाटन किया। इसी विषय पर आई.आई.टी. दिल्ली में लगभग 10 वर्ष यू.जी.सी. रिसर्च एसोसियेट शिप पर पोस्ट डॉक्टरल कार्य किया । इसी समय में संस्कृत प्रसार के लिए प्रारंभिक कक्षाएँ भी लीं। बचपन से ही इनकी लिखने में रुचि रही है । इन्होंने कविताएँ, कहानी, व्यंग्यव नाटक लिखे। 15-16 वर्ष की आयु में समाचार पत्र के बच्चों का कोना में कहानी प्रकाशित हुई। आई.आई.टी. दिल्‍ली से प्रकाशित पत्रिकाओं वातायन एवं जिज्ञासा में कविताएँ, व्यंग्य आदि प्रकाशित हुए हैं । इनके द्वारा अंग्रेजी से हिंदी में अनुवादित कहानियाँ आकाशवाणी से बच्चों के कार्यक्रम में प्रसारित हो चुकी हैं । आकाशवाणी दिल्ली से कुछ वार्त्ताएँ भी प्रसारित हो चुकी हैं, जिनमें से कुछ सामान्य वर्ग के लिए थीं और कुछ बच्चों के लिए। वेद संस्थान, नई दिल्ली में कई वर्षों तक शोध निदेशक के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। वहाँ से निकलने वाली पत्रिका वेद-सविता में लेख छपते रहे हैं।
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