Abha Srivastava
लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. (दर्शनशास्त्र) तथा बैचलर ऑफ़ लाइब्रेरी साइंस की डिग्री।
साहित्य के प्रति रुझान के चलते बाल्यावस्था से ही लेखन और पठन-पाठन में रुचि। मात्र 10 वर्ष की आयु में बाल कविता ‘यदि मैं नन्ही चिड़िया बन जाती’ का समाचार-पत्र ‘स्वतंत्र भारत’ में प्रकाशन और यहीं से लेखन यात्रा का आरंभ। अपनी लेखनी से अब तक देश के प्रमुख पत्र यथा ‘नवभारत टाइम्स’, ‘जनसत्ता’, ‘हिंदुस्तान’, ‘आज’, सहारा, मॉरीशस से प्रकाशित बाल पत्रिका ‘रिमझिम’ सहित देश की प्रमुख बाल पत्रिकाओं ‘नंदन’, ‘चंपक’, ‘बाल भारती’, ‘बालहंस’, ‘बाल वाणी’ में सशक्त पहचान। एक बाल काव्य-संकलन सहित अब तक 500 से अधिक बाल रचनाएँ प्रकाशित।
‘सरिता’, ‘गृहशोभा’, ‘कादम्बिनी’, ‘वामा’, ‘जागरण सखी’, ‘निकट’ (दुबई), ‘आजकल’, ‘समरलोक’— पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन। लोकप्रिय मासिक पत्रिका ‘वनिता’ में सन् 2006 से नियमित लेखन। अब तक 40 कहानियाँ, 10 से अधिक कविताएँ तथा दो धारावाहिक प्रकाशित।
आकाशवाणी लखनऊ तथा लखनऊ दूरदर्शन से भी कहानी एवं कविताओं का प्रसारण।
कुशल गृहिणी, अच्छी माँ एवं पत्नी की भूमिका में सफल। लेखन के बाद बागवानी सबसे ज्यादा प्रिय।
Abha Srivastava
Hindi Yugam