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Publisher | Prabhat Prakashan Pvt. Ltd |
Publication Year | 2024 |
ISBN-13 | 9789355629159 |
ISBN-10 | 935562915X |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 232 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22 X 14 X 1.5 |
Weight (grms) | 250 |
कारगिल में भारत को शानदार जीत के दो दशक बाद भी युद्ध की कहानियाँ और विवरण बहुत गर्व के साथ सुनाए जाते हैं। फिर भी एक महत्त्वूपर्ण पक्ष को काफी हद तक अनदेखा किया गया है, वह है — सैनिकों की पत्लियाँ। इस मार्मिक एवं पठनीय पुस्तक में आर्टिलरी अधिकारी कैप्टन अखिलेश सक्सेना की पत्नी शिखा अखिलेश सक्सेना ने युद्ध के दौरान सैन्य अधिकारियों के परिवारों द्वारा झेली गई यंत्रणा का वर्णन किया है।
एक युवा जोड़े के रूप में शिखा और अखिलेश अप्रत्याशित रूप से खुद को युद्ध के बीच में पाते हैं। शिखा ने अपने और अखिलेश के अनुभवों को बहुत ही कुशलता से दरशाया है, जिन्होंने तोलोलिंग, द हंप और श्री पिंपलल्स के मिशन में भाग लिया था। एक सैनिक को क्या-क्या सहना पड़ता है, जब वह लगभग आत्मघाती मिशन पर जाता है ? और युद्ध में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी जीवित रहने, यहाँ तक कि अपने अस्तित्व के लिए क्या-क्या करना पड़ता है ?
यह विस्तृत वृत्तांत भारतीय सैनिकों के असीम साहस और पराक्रम को दरशाता है, साथ ही युद्ध के दौरान तथा उसके बाद उनके परिवारों द्वारा अनुभव की गई भावनात्मक पीड़ा भी व्यक्त करता है। यह पुस्तक उन पुरुषों और महिलाओं के साहस, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति की कहानी है, जो देश कौ रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं।
राष्ट्रभक्ति, साहस, पराक्रम और गौरव का बोध कराने वाली एक भावधपूर्ण प्रेरक पुस्तक।
Shikha Akhilesh Saxena
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd