Kavya Ke Tatva )

Author :

Devendra Nath Sharma

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

Rs225 Rs300 25% OFF

Availability: Out of Stock

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

Out of Stock

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2019
ISBN-13

9789352211159

ISBN-10 9352211154
Binding

Hardcover

Number of Pages 160 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 270

प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य है भारतीय दृष्टि से काव्य के उपादानों का परिचय कराना | सुगमता और संशिप्तता इसकी विशेषताएँ हैं | अतः उनकी सटीकता तथा उपयुक्तता को महत्व दिया गया है और उनके चयन में सावधानी बरती गयी है | इस पुस्तक में दिये गये उदहारण विषय के स्पष्टीकरण एवं स्मरण में निस्संदेह सहायक सिद्ध होंगे |

Devendra Nath Sharma

सफल नाट्यकार और निपुण निबन्धकार। प्रभावी वक्ता तथा प्रकीर्तित लेखक। पटना विश्वविद्यालय तथा दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व-कुलपति। अन्तरविश्वविद्यालय बोर्ड, संस्कृत अकादमी तथा भोजपुरी अकादमी, बिहार के पूर्व अध्यक्ष। पूर्व अध्यक्ष, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी। पटना विश्वविद्यालय तथा बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष। अध्यक्ष, भारतीय हिन्दी परिषद्, ग्वालियर तथा आनन्द अधिवेशन तथा हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना। भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार की प्रवर-समिति के पूर्व सदस्य। विश्व- विद्यालय अनुदान आयोग, वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद्, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार एवं बिहार सरकार की अनेक समितियों के पूर्व अध्यक्ष/सदस्य। इंग्लैण्ड, फ्रशंस, जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, सोवियत संघ, बुल्गारिया, चेकोस्लोवाकिया, मॉरिशस, कोरिया आदि देशों का शैक्षिक एवं सांस्कृतिक भ्रमण। प्रमुख कृतियाँ: राष्ट्रभाषा हिन्दी: समस्याएँ और समाधान; भामह- विरचित काव्यालंकार का हिन्दी भाष्य; पाश्चात्य काव्यशास्त्र; अलंकार मुक्तावली; काव्य के तत्त्व। नाट्य: पारिजात मंजरी; बिखरी स्मृतियाँ, शाहजहाँ के आँसू; मेरे श्रेष्ठ रंग एकांकी। ललित निबन्ध: खट्टा-मीठा; आईना बोल उठा; प्रणाम की प्रदर्शनी में। सम्मान: सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार; वरिष्ठ हिन्दी सेवी पुरस्कार, आदि।
No Review Found