Publisher |
Manjul Publishing House Pvt Ltd |
Publication Year |
2023 |
ISBN-13 |
9789355436320 |
ISBN-10 |
9355436327 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
294 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20.3 x 25.4 x 4.7 |
Weight (grms) |
250 |
जब हमारी मृत्यु होती है तो क्या होता है? माइंड-बॉडी मेडीसिन के विश्व विख्यात अग्रणी डॉ. दीपक चोपड़ा, अपनी इस पुस्तक में, अस्तित्व के बुनियादी प्रश्नों में से एक को संबोधित करते हैं। चोपड़ा निजी अनुभवों, प्राचीन वैदिक दर्शन के विवेक और अत्याधुनिक पार्टिकल फ़िज़िक्स के आधार पर मृत्यु से जुड़े हमारे भय को दूर करने में सहायक साबित होते हैं, और उन अद्भुत संभावनाओं पर विचार करते हैं, जो मृत्यु के बाद जीवन में हमारी प्रतीक्षा में हो सकती हैं। यह वह पुस्तक है जिसके लेखन की तैयारी डॉ. चोपड़ा आजीवन करते आए। इस पुस्तक में वे इस परिकल्पना पर विचार करते हैं कि मृत्यु इंद्रियों का भ्रम है और आत्मा परिष्करण के अंतहीन चक्र में चलने के बावजूद बनी रहती है और अंत में प्रबोध प्राप्त करती है। विचारोत्तेजक अभ्यास इस विचार तथा इसके जैसे अन्य विचारों के लिए प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करते हैं। आप चाहे किसी भी पथ पर क्यों न चल रहे हों, आपको अपनी आध्यात्मिकता को समझने में मदद मिलती है और अनंत के लिए निजी मार्ग भी उपलब्ध होता है। ‘हमारे समय के महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक मार्गदर्शकों में से एक।’ मैरियन विलियमसन, अ वूमन्स वर्थ की लेखक
Deepak Chopra
Deepak Chopra (born October 22, 1946) is an American author, public speaker, alternative medicine advocate, and a prominent figure in the New Age movement.[3][4][5] Through his books and videos, he has become one of the best-known and wealthiest figures in alternative medicine
Chopra studied medicine in India before emigrating to the United States in 1970 where he completed residencies in internal medicine and endocrinology. As a licensed physician, he became chief of staff at the New England Memorial Hospital (NEMH) in 1980. He met Maharishi Mahesh Yogi in 1985 and became involved with the Transcendental Meditation movement
Deepak Chopra
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