Mere Desh Mein Kahte Hain Dhanyavad (Hb)

Author :

Sharad Chandra

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs296 Rs395 25% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2020
ISBN-13

9789389577853

ISBN-10 9789389577853
Binding

Hardcover

Number of Pages 142 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 280
Description is not available.

Sharad Chandra

डॉ. शरद चन्द्रा का जन्म 2 जनवरी, 1943 को राजस्‍थान के जयपुर में हुआ। शिक्षा: एम.ए., पीएच. डी.। भारत में फ्रांसीसी भाषा व साहित्य के विद्वानों में से एक। दिल्ली, राजस्थान और नाइजीरिया के विश्वविद्यालयों एवं इग्नू में अध्यापन। प्रकाशित कृतियाँ: अल्बैर् कामू और भगवद्गीता, Albert Camus: Sense of the Sacred, Three Essays on Indian Art & Architecture, Albert Camus and Blanche W. Knoph, Albert Camus and Indian Thought, Camus and India (चिन्तन); एकान्त में अकेले, तो क्या, The Visit and other Stories, पादरी माफ़ी माँगो, Mutiny in the Ark (कहानी-संग्रह); Albert Camus et L'Indc (Paris), मरता शहर, A look Around (कविता-संग्रह); The Higher Fidelity, Anthology of French literature आदि। अनूदित पुस्तकें (मूल फ्रेंच से): कालिगुला, न्यायप्रिय, सुखी मृत्यु, निर्वासन और आधिपत्य, अर्थदोष, पहला आदमी, एक बेचैन का रोज़नामचा, पहचान के नाम पर हत्याएँ, संगे सबूर (उपन्यास)। वह मैं नहीं हूँ (कविता)। आत्मा की खोज (फर्नांदो पैसोआ की चुनिंदा गद्य रचनाएँ), नाविक (फर्नांदो पैसोआ कृत 'ओ मेरिनिरो' का अनुवाद), फ्रांसीसी कविताओं का संकलन, फ्लैंडर्स रोड: क्लोद सीमों, शब्द: ज्याँ पाल सार्त्र, तोवॅलमैन: मिशेल देओं, रैम्बो की कविताएँ, फर्नांदो पैसोआ की कविताएँ आदि। सम्मान: फ्रांसीसी अकादमी, पेरिस द्वारा वर्ष 1992 के ग्रों प्री पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय; द्ववागिश सम्मान, 1993; गुलबेन्कियन फाउंडेशन फैलोशिप, लिज़्बन, पुर्तगाल, 1995; रेज़ीडेंट अनुवादक फैलोशिप, संस्कृति मंत्रालय, फ्रांस, 1996 हैरी रैंसम रिसर्च सेंटर फेलोशिप, आदि। देश-विदेश के अनेक आयोजनों में व्याख्यान एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों में सक्रियता। सम्प्रति: स्वतंत्र लेखन।.
No Review Found
More from Author