Publisher |
Manjul Publishing House Pvt Ltd |
Publication Year |
2021 |
ISBN-13 |
9789355430465 |
ISBN-10 |
9355430469 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
128 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
14 x 1.5 x 22 |
Weight (grms) |
1500 |
लेखक ने इस पुस्तक में बाईस परीषहों का वर्णन किया है, और वे मूलतः वरिष्ठ आयुर्वेद परामर्शदाता और चिकित्सक हैं। उन्हें चिकित्सकीय क्षेत्र में और ‘शाकाहार अहिंसा जीव दया’ पर कार्य करते हुए लगभग पचास वर्ष हो गए हैं। पूर्व में कई मुनियों, आर्यिकाओं व ब्रह्मचारी बहिन-भाइयों की चिकित्सा करने का सुअवसर मिला, लेकिन पदोन्नति के कारण अनवरत स्थानान्तरण होने से धीरे-धीरे संपर्क कम हो गया। चिकित्सा के दौरान मुनियों का परिषह यानी कष्ट सहकर स्वविवेक से अंगीकार निराकुल भावों से, समत्व भाव से मोक्ष मार्ग पर चलते रहना बड़ा अविश्वस्नीय लगता था। कुछ अध्ययन करने के बाद यह अहसास हुआ की मुनि धर्म का पालन करना ‘असिधारा’ है। वहीं क्षत्रिय धर्म में समझौते की कोई गुंजाईश नहीं है। बाह्य आवरण दिगम्बर होने से सामाजिक व्यवस्था के अनुकूल न होने के कारण कभी-कभी अप्रिय स्थिति भी निर्मित होती है, पर गहराई से मनन-चिंतन करने के उपरांत भ्राँतियाँ निर्मूल हो जाती हैं। पुस्तक पठनीय, ज्ञानवर्धक और अनुकरणीय प्रतीत होगी, ऐसी पाठकों से अपेक्षा है।
Arvind Jain
महिला, बाल एवं कॉपीराइट क़ानून के विशेषज्ञ और चर्चित लेखक-कथाकार।
जन्म : 7 दिसम्बर, 1953; उकलाना मंडी, हिसार (हरियाणा)।
शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा जनता हाईस्कूल, उकलाना; एस.डी. हायर सेकेंडरी स्कूल, हाँसी; जैन हाईस्कूल और वैश्य कॉलेज, रोहतक (हरियाणा) में। पंजाब विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक (1974) और दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (1977)।
पंजाब विश्वविद्यालय (1973) में सर्वश्रेष्ठ वक्ता पुरस्कार से सम्मानित।
बाल-अपराध न्याय अधिनियम के लिए भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य।
प्रकाशित पुस्तकें : औरत होने की सज़ा, उत्तराधिकार बनाम पुत्राधिकार, न्यायक्षेत्रे अन्यायक्षेत्रे, यौन हिंसा और न्याय की भाषा तथा औरत : अस्तित्व और अस्मिता शीर्षक से महिलाओं की क़ानूनी स्थिति पर विचारपरक पुस्तकें। लापता लड़की कहानी-संग्रह।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में शोध-लेख, कहानियाँ, समीक्षाएँ, कविताएँ और क़ानून सम्बन्धी स्तम्भ-लेखन।
सम्मान : हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा वर्ष 1999-2000 के लिए साहित्यकार सम्मान; कथेतर साहित्य के लिए वर्ष 2001 का शमशेर सम्मान।
सम्पर्क : सेक्टर 5, प्लॉट नं. 835, वैशाली, ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश—201 010
Arvind Jain
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