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Publisher | Teenage Publishers |
Publication Year | 2023 |
ISBN-13 | 9789385385810 |
ISBN-10 | 938538581X |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 120 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 21.5X14X1 |
Weight (grms) | 144 |
पतंजलि योगसूत्र स्वान्त पविकानंद के अद्वैत वेदांत और योग दर्शन की गहरी समझ का प्रतिष्ठित स्रोत रहे हैं। स्वामी विवेकानंद ने योग सूत्रों के उद्घोषण को अविश्वास और ब्रह्मवाद के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने योग साधना को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर एक समर्थ योग प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया। स्वामी विवेकानंद के अनुसार, पतंजलि योगसूत्र अंतर्मन की जीवन्त गतिविधियों को नियंत्रित करने का मार्ग प्रदान करते हैं। ये सूत्र साधक को ध्यान, प्राणायाम, और ध्यातृता के माध्यम से आत्मा की प्राप्ति के लिए अभ्यास करने की सिद्धि दिलाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने योग को एक प्रभावी साधना के रूप में बताया और उसे आत्म-समर्पण, दृढ़ संकल्प, और अद्वैत भाव के साथ जीने का माध्यम माना। स्वामी विवेकानंद के द्वारा पतंजलि योगसूत्र पर दिए गए व्याख्यान और समझ ने योग और ध्यान के प्रशंसकों के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किया है, जो उनकी गहरी और व्यापक सूक्ष्म विचारधारा को दर्शाते हैं। उनकी अद्वैत तत्त्वज्ञान और योग के समन्वय से स्वामी विवेकानंद ने लोगों को आत्म-ज्ञान, उन्नति, और मुक्ति की ओर प्रेरित किया।
Swami Vivekanand
Teenage Publishers