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Publisher | Prabhat Prakashan Pvt. Ltd. |
Publication Year | 2024 |
ISBN-13 | 9789392573637 |
ISBN-10 | 9392573634 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 120 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22 X 14 X 1.5 |
Weight (grms) | 150 |
मेरी पलकों पे अगर ख़्वाब उतरने लगते
दिन के लम्हा तभी नींदों में गुज़रने लगते
उनका पैग़ाम, अगर लेके चली आती सबा
फूल शबनम के हर इक शाख़ से झरने लगते
तितलियाँ अपने परों को नहीं फैलातीं अगर
रंग बरसात में फूलों के उतरने लगते
काश! आ जाती नज़र कोई अँधेरों में किरन
हम उमीदों की भी गलियों से गुज़रने लगते
दूरबीनों की सिफ़त होती अगर आँखों में
लोग अंजाम और आग़ाज़ से डरने लगते
Govind Gulshan
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.