Raag Pahadi  (Hb)

Author :

Namita Gokhale

,

Pushpesh Pant

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388753982

ISBN-10 9789388753982
Binding

Hardcover

Number of Pages 221 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 370
राग पहाड़ी' का देशकाल, क उन्नीसवीं सदी के मध्य से लेकर बीसवीं सदी से पहले का कुमाऊँ है। कहानी शुरू होती है लाल-काले कपड़े पहने ताल के चक्कर काटती छह रहस्यमय महिलाओं की छवि से जो किसी भयंकर दुर्भाग्य का पूर्वाभास कराती हैं। इन प्रेतात्माओं ने यह तय कर रखा है कि वह नैनीताल के पवित्र ताल को फिरंगी अंग्रेजों के प्रदूषण से मुक्त कराने की चेतावनी दे रही हैं। इसी नैनीताल में अनाथ तिलोत्तमा उप्रेती नामक बच्ची बड़ी हो रही है। जिसके चाचा को 1857 वाली आज़ादी की लड़ाई में एक बाग़ी के रूप में फाँसी पर लटका दिया गया था। कथानक तिलोत्तमा के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ देशी-विदेशी पात्रों के इर्द-गिर्द भी घूमता है जिसमें अमेरिकी चित्रकार विलियम डैम्पस्टर भी शामिल है जो भारत की तलाश करने निकला है। तिलोत्तमा गवाह है उस बदलाव की जो कभी दबे पाँव तो कभी अचानक नाटकीय ढंग से अल्मोड़ा समेत दुर्गम क़स्बों, छावनियों और बस्तियों को बदल रहा है, यानी एक तरह से पूरे भारत को प्रभावित कर रहा है। परम्परा और आधुनिकता का टकराव और इससे प्रभावित कभी लाचार तो कभी कर्मठ पात्रों की जि़न्दगियों का चित्रण बहुत मर्मस्पर्शी ढंग से इस उपन्यास में किया गया है जिसका स्वरूप 'राग पहाड़ी' के स्वरों जैसा है। चित्रकारी के रंग और संगीत के स्वर एक अद्भुत संसार की रचना करते हैं जहाँ मिथक-पौराणिक, ऐतिहासिक-वास्तविक और काल्पनिक तथा फंतासी में अन्तर करना असम्भव हो जाता है। यह कहानी है शाश्वत प्रेम की, मिलन और विछोह की, अदम्य जिजीविषा की।

Namita Gokhale

साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित नमिता गोखले अंग्रेज़ी की चर्चित लेखक हैं। ग्यारह कथाकृतियों समेत उनकी अब तक बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। हिमालय क्षेत्र से जुड़े विषयों और मिथकों पर वे लगातार लिखती रही हैं। ‘पारो : हर ड्रीम्स एंड पैशंस’ उनका पहला उपन्यास है जो 1984 में प्रकाशित हुआ था। 2021 में प्रकाशित ‘द ब्लाइंड मैट्रियार्क’ उनका नवीनतम उपन्यास है। इससे पहले, 2020 में उनका उपन्यास ‘जयपुर जर्नल्स’ छपा जिसकी पृष्ठभूमि जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल है। उसी साल उनका उपन्यास ‘बिट्रेड होप’ भी प्रकाशित हुआ जो बांग्ला के प्रसिद्ध कवि माइकेल मधुसूदन दत्त के जीवन पर आधारित है। वह जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल की सह-संस्थापक और निदेशक हैं। इस रूप में वह अनुवादों तथा विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के बीच संवाद को लेकर निरन्तर सक्रिय हैं। उन्हें ‘थिंग्स टु लीव बिहाइंड’ उपन्यास के लिए 2021 में ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ प्रदान किया गया। इसी उपन्यास के लिए उन्हें ‘सुशीला देवी साहित्य सम्मान’ और वैली ऑफ़ वर्ड्स लिटरेचर फ़ेस्टिवल में ‘बेस्ट फ़िक्शन जूरी अवार्ड’ भी मिल चुका है। इस कृति को ‘अंतरराष्ट्रीय डब्लिन लिटरेरी अवार्ड’ की लॉन्ग लिस्ट में भी रखा गया था। उन्हें असम साहित्य सभा का प्रतिष्ठित ‘सेंटेनेरी नेशनल अवार्ड फ़ॉर लिटरेचर’ भी प्रदान किया जा चुका है।

Pushpesh Pant

Born in 1946, Pushpesh Pant was homeschooled and later he studied in Nainital and Delhi. He has lived in Delhi since 1965 and is passionate about Indian cuisines, music and poetry. He taught at Jawaharlal Nehru University (JNU) for 40 years and has written books on food, travel and culture in English and Hindi.
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