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Publisher | RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD |
Publication Year | 2018 |
ISBN-13 | 9788183616225 |
ISBN-10 | 8183616224 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 159 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 21 X 14 X 2.5 |
Weight (grms) | 181 |
संस्कार–आर– अनन्तमूर्ति के इस कन्नड़ उपन्यास को युगान्तरकारी उपन्यास माना गया है । ब्राह्मणवाद, अन्/ाविश्वासों और रूढ़िगत संस्कारों पर अप्रत्यक्ष लेकिन इतनी पैनी चोट की गई है कि उसे सहना सनातन मान्यताओं के समर्थकों के लिए कहीं–कहीं दूभर होने लगता है । ‘संस्कार’ शब्द से अभिप्राय केवल ब्राह्मणवाद की रूढ़ियों से विद्रोह करनेवाले नारणप्पा के दाह–संस्कार से ही नहीं है । अपने लिए सुरक्षित निवास–स्थान, अग्रहार आदि के ब्राह्मणों के विभिन्न संस्कारों पर भी रोशनी डाली गई है–स्वर्णाभूषणों और सम्पत्ति–लोलुपता जैसे संस्कारों पर भी! ब्राह्मण–श्रेष्ठ और गुरु प्राणेशाचार्य तथा चन्द्री, बेल्ली और पी जैसे अलग और विपरीत दिखाई देनेवाले पात्रों की आभ्यन्तरिक उथल–पुथल के सारे संस्कार अपने असली और खरे–खोटेपन समेत हमारे सामने उघड़ आते हैं ।/ार्म क्या है?/ार्म–शास्त्र क्या है? क्या इनमें निहित आदेशों में मनुष्य की स्वतन्त्र सत्ता के हरण की सामर्थ्य है, या होनी चाहिए? ऐसे अनेक सवालों पर यू–आर– अनन्तमूर्ति जैसे सामर्थ्यशील लेखक ने अत्यन्त साहसिकता से विचार किया है, और यही वैचारिक निष्ठा इस उपन्यास को विशिष्ट बनाती है ।.
U. R. Ananthamurthy
RADHAKRISHAN PRAKASHAN PVT. LTD