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Publisher | Prabhat Prakashan Pvt. Ltd |
Publication Year | 2024 |
ISBN-13 | 9789355215635 |
ISBN-10 | 9355215630 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 128 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22 X 14 X 1.2 |
Weight (grms) | 140 |
इस पुस्तक में संगृहीत कविताओं में जीवन को समझने की एक कोशिश है । कहीं-न-कहीं कोई जाना-पहचाना चेहरा, कोई वास्तविक घटना, परंपरा से अर्जित संस्कार, अनुभवजन्य सत्य आदि ही कविता की कच्ची सामग्री है । मेरी कविताएँ आत्माभिव्यक्ति के लिए लिखी गई हैं, परंतु सचेत रूप से लक्षित होकर नहीं । यह सत्य है कि काव्यकला साझे जीवन की उपज होती है, जिसे हम सभी साथ मिलकर जीते हैं एवं अदृश्य तंतुओं से बँधे होते हैं।
ऐसे चिर अनंत जीवन को पूर्णरूपेण समझना किसी एक के वश की बात नहीं हो सकती है। मैंने अपनी समझ कविता के माध्यम से आप तक पहुँचाने की एक छोटी सी कोशिश की है। प्रस्तुत काव्य- संग्रह में आपकी निष्पक्ष प्रतिक्रिया, सुझावों और आलोचनाओं का हृदय से स्वागत है। आपका मूल्यवान मार्गदर्शन मुझे अगली कृति के लिए संबल एवं ऊर्जा प्रदान करेगा।
Dr. Virendra Prasad (IAS)
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd