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Publisher | Manjul Publishing House Pvt. Ltd. |
Publication Year | 2023 |
ISBN-13 | 9789355434203 |
ISBN-10 | 9355434200 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 218 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22 X 14 X 1.5 |
Weight (grms) | 260 |
“बिज़नेस में कामयाबी के अचूक मंत्र सिर्फ़ सिद्धांतों को पढ़कर नहीं सीखे जा सकते, बल्कि इसके लिए उस असाधारण व्यक्तित्व के जीवन संघर्ष को दिल से पढ़ने की ज़रूरत होती है, जिसने कामयाबी के आसमान को अदम्य जोश-जज़्बे के साथ छुआ हो। मनसुख भाई कोठारी की जीवनी का एक-एक पृष्ठ पठनीय और प्रेरणादायी है।”
- कपिल देव (पूर्व कप्तान, भारतीय क्रिकेट टीम)
“शून्य का महत्व उसके आगे आने वाले अंकों में निहित है, उसके पहले शून्य की इस संसार में कोई महत्ता नहीं है। दीपक भाई कोठारी ने शून्य से गगन में अपने पिता के श्रम और संघर्ष को वर्णित करते हुए इसी दृष्टिकोण को उजागर किया है।”
- मनोज मुंतशिर शुक्ला (सुप्रसिद्ध लेखक और सिने कलाकार)
“एक छोटे से गाँव और साधारण परिवार में जन्म लेने के बावजूद बिज़नेस की दुनिया में कामयाबी का परचम फहराना बिलकुल आसान नहीं होता। इसके लिए ग़ज़ब के आत्मविश्वास, जज़्बे और जुनून की ज़रूरत होती है। मनसुख भाई कोठारी इसी की अद्भुत मिसाल थे और यह देखकर खुशी होती है कि उनके पुत्र दीपक कोठारी उनकी धरोहर को ठीक उसी तरह दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ा रहे हैं।”
- अरुण नंदा (चेयरमैन, क्लब महिन्द्रा)
“मनसुख भाई कोठारी की बेमिसाल कामयाबी का सफ़र भले ही किसी नायक की तरह लगता हो, लेकिन इसके पीछे उनका अथक परिश्रम छुपा था। उनके बिज़नेस साम्राज्य से जीतोड़ मेहनत की ख़ुशबू आती रही है। उनकी जीवनी शून्य से गगन न केवल उनके जीवन संघर्ष, बल्कि उनके आदर्शों और मूल्यों को भी अत्यंत सुंदर तरी़के से प्रस्तुत करती है।”
- डॉ. एम. डी. खेतान (चांसलर, काजीरंगा विश्वविद्यालय)
Deepak Kothari
Manjul Publishing House Pvt. Ltd.