Mahabharat

Author:

Suryakant Tripathi Nirala

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2016
ISBN-13

9788126718771

ISBN-10 9788126718771
Binding

Paperback

Number of Pages 288 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 320
महाभारत महाभारत विश्व-इतिहास का प्राचीनतम महाकाव्य है। होमर की इलियड और ओडिसी से कहीं ज्यादा प्रवीणता के साथ परिकल्पित और शिल्पित यह रचनात्मक कल्पना की अद्भुत कृति है। ऋषि वेदव्यास द्वारा ईसा के प्रायः 2000 वर्ष पूर्व रचित इस महाकाव्य में लगभग समस्त मानवीय मनोभावों - प्रेम और घृणा, क्षमा और प्रतिशोध, सत्य और असत्य, ब्रह्मचर्य और सम्भोग, निष्ठा और विश्वासघात, उदारता और लिप्सा - की सूक्ष्म प्रस्तुति मिलती है। यों तो महाभारत भारतीय मानस में रचा-बसा ग्रन्थ है पर इसने सम्पूर्ण विश्व के पाठकों को आकर्षित किया है। शायद इसीलिए इस महाकाव्य का रूपान्तर विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में हुआ है। परन्तु विस्मय होता है यह देखकर कि ज्यादातर रूपान्तरों में इसकी क्षमता का प्रतिपादन एक काव्यात्मक सौन्दर्य और सुगन्ध से समृद्ध कथा के रूप में नहीं हो पाया है। सम्भवतः इसलिए कि लेखकों ने मूलतः इसके कहानी पक्ष को ही प्रधानता दी।..किन्तु इस पुस्तक के लेखक शिव के. कुमार ने इसी कारण इस महाकाव्य में कुछ रंग और सुगन्ध भरने का प्रयास किया है। यह वस्तुतः महाभारत का एक नवीन रूपान्तर है। महाभारत एक अद्वितीय रचना है। यह काल और स्थान की सीमाओं से परे है। इसीलिए हर युग में इसके साथ संवाद सम्भव है। वर्तमान युग में भी सामाजिक न्याय, राजनीतिक स्वार्थजनित राष्ट्र विभाजन, नारी सशक्तीकरण और राजनेताओं के आचरण के सन्दर्भों में इसका सार्थक औचित्य है। अंग्रेजी से हिन्दी में इस कृति का अनुवाद करते हुए प्रभात के. सिंह ने हिन्दी भाषा की प्रकृति का विशेष ध्यान रखा है। समग्रतः एक अनूठी रचना।

Suryakant Tripathi Nirala

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