Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2019 |
ISBN-13 |
9788126729333 |
ISBN-10 |
9788126729333 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
456 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
520 |
सोफी का संसार' एक रहस्यपूर्ण और रोचक उपन्यास है, साथ ही पश्चिमी दर्शन के इतिहास और दर्शन की मूलभूत समस्याओं के विश्लेषण पर एक गहन तथा अद्वितीय पुस्तक भी । आधुनिक भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक प्रोफेसर दयाकृष्ण के अनुसार दो प्रश्नों को सार्वभौमिक स्तर पर दर्शन के मूलभूत प्रश्न कहा जा सकता है । पहला प्रश्न है: 'मैं कौन हूँ?' और, दूसरा है: 'यह विश्व अस्तित्व में कैसे आया?' अन्य दार्शनिक प्रश्न इन्हीं दो मूल प्रश्नों के साथ जुड़े हुए हैं । इन प्रश्नों से पाठक का परिचय उपन्यास के पहले ही अध्याय में एक रहस्यात्मक और रोचक प्रसंग के माध्यम से हो जाता है । किसी जटिल सैद्धान्तिक रूप में प्रस्तुत करने की बजाय 14 - 15 वर्ष की किशोरी सोफी को दैनिक जीवन के व्यावहारिक स्तर पर इन प्रश्नों को पूछने के लिए प्रेरित किया गया है ।
Jostein Gaarder
जॉस्टिन गार्डर का जन्म नार्वे की राजधानी ओस्लो में 8 अगस्त, 1952 को एक शिक्षक परिवार में हुआ था। लेखक बनने का निर्णय उन्होंने 19 वर्ष की आयु में लिया और बाल-साहित्य की रचना प्रारम्भ कर दी। जॉस्टिन गार्डर का कहना है कि वह दोस्तोयेव्स्की, हरमन हैस, जार्ज लुई बोर्गेस तथा नार्वेजन लेखक नुत हैमरसन से प्रभावित हुए। उनका पहला कहानी-संग्रह 'निदान तथा अन्य कहानियाँ' 1986 में प्रकाशित हुआ। तदुपरान्त उनके दो उपन्यास—'द फ्राग कैसल' (1988) तथा 'द सॉलिटेयर मिस्ट्री' (1990) में प्रकाशित हुए। जॉस्टिन गार्डर लगभग दो दशकों के लिए ओस्लो में एक कॉलेज में दर्शनशास्त्र विषय के अध्यापक रहे। 'सोफी का संसार' की अभूतपूर्व सफलता के पश्चात उन्होंने अपना पूरा समय लेखन को समर्पित करने का निर्णय लिया। तब से अब तक उनके 13 से अधिक उपन्यास तथा बाल-साहित्य कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। जॉस्टिन गार्डर को 'सोफी का संसार' तथा अन्य पुस्तकों के लिए अनेक अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।.
Satya P. Gautam
Jostein Gaarder
,Satya P. Gautam
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd