Buniyadi Taleem

Author :

Mithilesh A. Arvindakshan

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs671 Rs895 25% OFF

Availability: Out of Stock

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

Out of Stock

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9788126724246

ISBN-10 9788126724246
Binding

Hardcover

Number of Pages 200 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 289
जब हम गांधी जी द्वारा परिकल्पित तथा कार्यान्वित बुनियादी शिक्षा की बात करते हैं तो अजीब-सा अनुभव महसूस हो सकता है क्योंकि गांधी जी की बुनियादी शिक्षा-परिकल्पना के साथ आज के शिक्षा जगत का कोई सम्बन्ध नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक का विचारणीय विषय यही है कि गांधी जी द्वारा परिकल्पित बुनियादी शिक्षा की मूल्यदृष्टि क्या है और आज उसे किस तरह से देखा-परखा जाना चाहिए तथा आज की नूतन शिक्षा पद्धति के साथ इसको कैसे मिलाया जाना चाहिए। गांधी जी सचमुच एक आत्मसजग पीढ़ी भारत के लिए तैयार करना चाहते थे। इसलिए प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा को केन्द्र में रखा। ऐसे में हमें यह सोचना चाहिए कि मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा, सभी तबकों के विद्यार्थियों को समान सुविधाओं वाली पाठशालाओं की परिकल्पना और उन्हें सुविधाएँ उपलब्ध कराना, शिक्षा पद्धतियों को समान बनाना, अध्यापक-प्रशिक्षण को वैज्ञानिक बनाना, सुविधाओं से वंचित सामाजिक तबके के विद्यार्थियों को समकक्ष तक ले आने योग्य पद्धतियों व योजनाओं का अखिल भारतीय स्तर पर आविष्कार करना आदि समान दृष्टि से जब तक कार्यान्वित नहीं होगा तब तक बुनियादी शिक्षा का यह मातृभाषा में शिक्षण का सपना अतीत का अवैज्ञानिक सपना ही सिद्ध हो सकता है। पुस्तक में बुनियादी तालीम के विभिन्न पक्षों पर सारगर्भित लेख प्रस्तुत करने का प्रयास है। इस विषय पर गम्भीर चिन्तन के लिए यह एक प्रवेशिका का कार्य करेगी, इसी आशा के साथ इसे पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

Mithilesh A. Arvindakshan

प्रकाशित कृतियाँ: बाँस का टुकड़ा, घोड़ा, आसपास, सपने सच होते हैं, राग लीलावती, असंख्य ध्वनियों के बीच, भरा-पूरा घर, पतझड़ का इतिहास, राम की यात्रा, जंगल नजदीक आ रहा है (कविताएँ); महादेवी वर्मा के रेखाचित्र, अज्ञेय की उपन्यास यात्रा, आधारशिला, समकालीन हिंदी कविता, कविता का थल और काल, कविता सबसे सुन्दर सपना है, रचना के विकल्प, साहित्य, संस्कृति और भारतीयता, समकालीन कविता की भारतीयता, प्रेमचंद: भारतीय कथाकार, कविता की संस्कृति, शब्द की यात्रा (आलोचना); आधुनिक मलयालम कविता, आकलन, कमपेरेटिव इंडियन लिटरेचर, कथाशिल्पी गिरिराज किशोर, कवितयुटे पुतिय मुखम, बहुरंगी कविताएँ, कविता का यथार्थ, निराला: एक पुनर्मूल्यांकन, प्रेमचंद के आयाम, महादेवी वर्मा, नागार्जुन, कविता अज्ञेय, हमारे समय में मुक्तिबोध, साइंस कम्युनिकेशन, कविता आज, आलोचना और संस्कृति, बुनियादी तालीम, विवेकतिन्टे, सौन्दर्यम, एम.के. सानुविन्टे क्रिटिकल (संपादन); भारत पर्यटनम, एवं इन्द्रजीत, कोमल गांधार, प्रेम एक एलबम, कोच्ची के दरख्त, अक्षर, सर्वेश्वरदयाल सक्सेनयुटे कवितकल, अमेरका: एक अदभुत दुनिया, मलयालम की स्त्री-कविता, एकीलुम चिलतु वकियाकुम, आधुनिक हिंदी कविता, असमिया कथकल, नाटक जारी है आदि (अनुवाद) । सम्मान: बीस से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार; साहित्य सम्मलेन, प्रयाग का सर्वोच्च सम्मान ‘साहित्य वाचस्पति’ से विभूषित विभूषित । महात्मा गाँधी अं. हिं. वि.वि., वर्धा के प्रति-उपकुलपति रहे हैं
No Review Found