Publisher |
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd. |
Publication Year |
2021 |
ISBN-13 |
9789390900664 |
ISBN-10 |
9789390900664 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
280 Pages |
Language |
(Hindi) |
Weight (grms) |
400 |
यह पुस्तक आपको उन तरीकों और उदाहरणों को बताने के लिए लिखी गई है कि जीवन में किसी भी समस्या से हार मानने की आवश्यकता नहीं है। यह बताती है कि भी मन की शांति, अच्छा स्वास्थ्य और ऐसी ऊर्जा प्राप्त हो सकती है, जिसके प्रवाह का कभी अंत न हो। यह सामान्य तौर पर एक व्यावहारिक, प्रत्यक्ष तौर पर किए गए कार्य एवं व्यक्तिगत सुधार की नियम-पुस्तिका है। इसे पाठक के लाभप्रद, खुशहाल और संतोषजनक जीवन के एकमात्र उद्देश्य को पाने के लिए लिखा गया है। यदि आप इस पुस्तक को विचारपूर्वक पढ़ते हैं, उसकी शिक्षाओं को सावधानी से ग्रहण करते हैं और सच्चाई एवं निरंतरता से इसमें निहित सिद्धांतों व नुस्खों का अभ्यास करते हैं तो आप अपने भीतर आश्चर्यजनक बदलाव महसूस करेंगे। यहाँ दरशाई गए तकनीकों एवं सिद्धांतों में दक्ष होकर आप स्वास्थ्य का ऐसा अनुभव प्राप्त कर लेंगे, जो आपने अभी तक नहीं जाना होगा और आप जीवन में एक नई खुशी का अनुभव करेंगे। आप बेहतर एवं उपयोगी व्यक्तित्ववाले इनसान बनने के साथ ही एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी बन जाएँगे। पॉजिटिव थिंकिंग की जाग्रत् करके जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के व्यावहारिक सूत्र बताती अत्यंत रोचक एवं उपयोगी पुस्तक।
Norman Vincent Peale
Born in Ohio, USA, in 1898, Norman Vincent Peale grew up helping support his family by delivering newspapers, working in a grocery store, and selling pots and pans door to door, but later was to become one of the most influential clergymen in the United States during the 20th-century. Educated at Ohio Wesleyan University and Boston University, he went on to become a reporter on the Findlay, Ohio, Morning Republic prior to entering the ministry and went on to author some 40 books. Peale confessed that as a youth he had 'the worst inferiority complex of all,' and developed his positive thinking philosophy just to help himself.
Norman Vincent Peale
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.