Uttar Ki Yatrayen (Hb)

Author :

Matsuo Basho

,

Suresh Salil

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2018
ISBN-13

9789388183895

ISBN-10 9789388183895
Binding

Hardcover

Number of Pages 122 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 310
जापानी महाकवि बाशो उन बिरले कवियों में से हैं जिनकी कविता का अनुवाद शायद संसार की हर छोटी-बड़ी भाषा में हुआ है। हाइकू नामक विधा का जि़क्र आते ही प्राय: सभी रसिकों को जो पहला नाम याद आता है वह बाशो का है। बाशो जितने बड़े और अविराम कवि थे उतने ही अथक यात्री भी। उनका यह यात्रा-वृत्त अपने क़िस्म का अनोखा है। वरिष्ठ कवि सुरेश सलिल ने बहुत मनोयोग और कल्पनाशीलता से इसे अँग्रेज़ी से अनूदित किया है। उन्होंने बहुत जतन से यथास्थान सन्दर्भ के नोट्स भी दिये हैं जिनसे स्थानों, कवियों, राजवंशों आदि का पता भी होता चलता है। रज़ा पुस्तक माला में एक महाकवि का यात्रा-वृत्त बहुत अच्छे हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत करते हुए हमें प्रसन्नता है।

Matsuo Basho

मात्सुओ बाशो अनु. सुरेश सलिल जन्म: 19 जून 1942, गंगादासपुर, जि़ला उन्नाव (उत्तर प्रदेश) कृतियाँ: कविता: खुले में खड़े होकर, करोड़ों किरनों की जि़न्दगी का नाटक सा, भीगी हुई दीवार पर रोशनी, कोई दीवार भी नहीं, मेरा ठिकाना क्या पूछो हो, रंगतें काव्यानुवाद: रोशनी की खिड़कियाँ: बीसवीं सदी की विश्व कविता का वृहत संचयन, ब्रेष्ट, लोर्का, नेरूदा, नाजि़म हिकमत, इशिकावा तोकु-बोकु, कवाफ़ी, माइकेल एंजेलो, हब्बा खातून (कश्मीरी), आदि; कवियों के पुस्तकाकार अनुवाद-संचयन समीक्षा: पढ़ते हुए सम्पादन: कारवाने-ग़ज़ल, कविता सदी विशेषज्ञता: गणेशशंकर विद्यार्थी का व्यक्तित्व और कृतित्व तोक्यो, काठमाण्डू की विदेश यात्रा और कुछेक पुरस्कार-सम्मान.

Suresh Salil

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